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पर्यटन स्थल

वायनाड: प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है !

Wayanad

केरल अपनी अलहदा खूबसूरती के लिए जाना जाता है और बात वायनाड (Wayanad) की हो तो हमारी स्मृतियों में आकर्षित झरने, ऐतिहासिक गुफायें, दर्शनीय मंदिर और इसकी प्राकृतिक सुन्दरता का रंग चटख होने लगता है। सच कहूं तो वायनाड प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं। यह जितना शांत है, उससे भी कहीं ज्यादा सुरम्य। फैमिली वेकेशन हो, फ्रेंड्स के साथ ट्रिप या फिर कपल्स के घूमने लायक जगह। हर तरह की यात्रा के लिए यह बिलकुल परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

अगर आप दक्षिण भारत की यात्रा पर हैं तो केरल में स्थित वायनाड (Wayanad) घूमना बिलकुल भी नहीं भूलें। इस जगह पर आपको पर्यटन के विविध रूप देखने को मिलेंगे। आप प्रकृति की सुंदरता, खुशनुमा-मनमोहक मौसम के साथ-साथ वन्य जीव देखने का भरपूर आनंद ले सकेंगे। इस जगह पर आपको अनोखी जैव विविधता देखने को मिलेगी। वायनाड में घूमने टहलने की जगहों की भरमार है।

जैव विविधता की दृष्टि से वायनाड

वायनाड की जैव विविधता और प्राकृतिक वातावरण का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इस जगह पर तीन-तीन राष्ट्रिय अभयारण्य स्थित हैं। वायनाड (Wayanad) का वातावरण, मौसम और जैव विविधता काफी लाजवाब है जो आपको खूब पसंद आएगी। वायनाड की यात्रा में हाथी, तेंदुए और भालू आपको सहज रूप में देखने को मिल जायेंगे। इस जगह पर आप नेचर वॉक और ट्रैकिंग का भरपूर मज़ा ले सकते हैं। गर्मियों का मौसम शुरू होते ही वायनाड की रौनक और भी बढ़ जाती है। गर्मी में भी ठंठक का अहसास कराने वाली इस जगह पर आप प्रकृति के साथ-साथ पर्यटन का भी भरपूर मज़ा ले सकते हैं।

वायनाड में घूमने की जगहें

इस जगह पर घूमने के लिए तरह-तरह के दर्शनीय स्थल मौजूद हैं। कुछ महत्वपूर्ण जगहें जिन्हें वायनाड (Wayanad) में रहते हुए बिलकुल भी नहीं मिस करना चाहिए।

बाणासुर सागर बांध, वायनाड, केरल

यह वायनाड (Wayanad) के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार किया जाता है। वायनाड घूमने वाले यात्री इस जगह तक आते हैं। यह पर्यटकों के बीच काफी लौकप्रिय स्थल है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि बाणासुर सागर बांध देश का सबसे बड़ा डैम होने के साथ-साथ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। इस पर तरह-तरह की गतिविधियां आयोजित होती रहती हैं जिसमें स्पीड बोटिंग प्रमुख है। यह डैम कबिनी नदी की एक सहायक नदी करमनथोडु पर बना हुआ है।

वन्यजीव अभयारण्य वायनाड, केरल

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वन्य जीवों के संरक्षण के लिए वर्ष 1973 में स्थापित किया गया। यह नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व के का एक अभिन्न अंग है। जिसकी वजह से पूरे साल सैलानियों का आना जाना लगा रहता है। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है तथा वनस्पतियों और जीवों की कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए जाना जाता है। यह प्रकृति से प्यार करने वालों को काफी पसंद आता है। इस जगह पर आकर कई तरह के प्राणियों को देखा जा सकता है। यदि आपको जंगल, पहाड़, प्रकृति और वन्य जीव पसंद हैं तो यह घूमने के लिए सबसे पसंदीदा जगह साबित होगी।

एडक्कल गुफायें, वायनाड, केरल

मैसूर के ऊंचे पहाड़ों को मालाबार तट से जोड़ने वाले प्राचीन व्यापार मार्ग के निकट एडक्कल नामक जगह पर दो प्राकृतिक गुफाएं स्थित है जिन्हें एडक्कल की गुफाओं के नाम से सम्बोधित किया जाता है। वायनाड के ऐतिहासिक स्थलों में शामिल इन गुफाओं को देखना अपने आपमें एक लाजवाब अनुभव होता है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। ये गुफाएं अपनी उत्कृष्ट चट्टान और दीवारो की आकर्षित नक्काशी के लिए जानी जाती हैं।

गुफाओं के भीतर बने भित्तिचित्रों को 6000 ईसा पूर्व का माना जाता है। यह नवपाषाण युगीन मानवों द्वारा बनाया गया है जो कि यह संकेत देता है कि क्षेत्र में प्रागैतिहासिक मानव सभ्यता रही होगी। एडक्कल के यह पाषाणयुगीन भित्तिचित्र दुर्लभ हैं तथा दक्षिण भारत में अब तक ज्ञात एकमात्र उदाहरण हैं।

चेम्बरा पीक, वायनाड, केरल

यह वायनाड (Wayanad) पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी है। यह अपने आसपास हरी-भरी हरियाली और दिल छू जाने वाली आकर्षित झीलों के लिए जानी जाती है। यह समुद्र तक से तक़रीबन 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और पूरे वायनाड समेत कोझिकोड, मलप्पुरम और नीलगिरि जिलों का भी प्रमुख आकर्षण है। यह मांउटेंन ट्रैकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस जगह पर ट्रैकिंग के दौरान एक दिल के आकर का तालाब भी है जो देखने में काफी खूबसूरत लगता है।

कुरुवद्वीप, वायनाड, केरल

केरल राज्य के वायनाड (Wayanad) जिले में काबिनी नदी पर स्थित यह एक छोटा सा द्वीप है। यह छोटा सा द्वीप तक़रीबन 950 एकड़ के क्षेत्र को खुदमें समेटे हुए है। काबिनी नदी की कई अन्य धाराओं से घिरा हुआ यह काफी खूबसूरत दिखाई देता है। कुरुव द्वीप की प्राकृतिक सुन्दरता, आकर्षित वातावरण सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता हैं। कुरुव द्वीप तक जाने के लिए नौकाओं या राफ्ट का उपयोग किया जाता है। इस जगह की यात्रा करना और समय व्यतीत करना आपके लिए एक रोमांचक अनुभव होगा।

कैसे पहुंचे ?

वायनाड आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। नजदीकी हवाई अड्डा कालीकट है जो वायनाड से तक़रीबन 98 किमी की दुरी पर स्थित है। सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन नीलांबूर है जोकि वायनाड शहर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। दोनों ही जगहों से वायनाड आप टैक्सी के द्वारा पहुंच सकते हैं। अगर सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आपको बैंगलोर, कोयम्बटूर और कोझीकोड से आसानी से बस मिल जाएगी।

कहां ठहरे ?

वायनाड में आपको ठहरने के लिए तरह तरह के विकल्प मिल जाते हैं। इस जगह पर कम से कम और ज्यादा से ज्यादा बजट के होटल और रिसोर्ट मौजूद हैं। आप रहने के लिए इस जगह पर हॉस्टल और होमस्टे का भी चुनाव कर सकते हैं जो आपको काफी सस्ते में उपलब्ध हो जायेंगे।

दोस्तों, आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको लेख पढ़कर कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें। 

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travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।