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घुमक्कड़ी

मानसरोवर और कैलाश का द्वार पिथौरागढ़

Pithouragarh

Pithoragarh Uttarakhand: दुर्गम और ख़तरनाक रास्तों का एक लम्बा सफ़र और फिर कुछ दिनों का ऐसा पुर-सुकून की इंसान बाकि दुनिया को भूल जाये। सच कहूं तो बहुत ही यादगार थी पिथौरागढ़ की पहली यात्रा जो अभी भी मेरी स्मृतियों में बसी हुई है। दिल्ली से पिथौरागढ़ का बारह घंटे का सफ़र मुझे कई बार दुनिया के दुर्गम रास्तों की याद दिलाता रहा। ख़ासकर, चंपावत और पिथौरागढ़ के बीच की खड़ी चढ़ाई। डर और रोमांच मेरी रगो में दोनों एक साथ बह रहा था। लुभावने प्राकृतिक परिदृश्य और पवित्र स्थलों के बीच, पिथौरागढ़ उत्तराखंड का एक महत्वपूर्ण हिल स्टेशन है।

समुद्र तल से लगभग सोलह सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित पिथौरागढ़ (Pithoragarh) एक ऐतिहासिक स्थान है। मानसरोवर और कैलाश तीर्थयात्रा इसी क्षेत्र से शुरू होती है। नेपाल और तिब्बत पिथौरागढ़ के करीब के पड़ोसी देश हैं दोनों ही देशों की सीमाएं पिथौरागढ़ से लगती हैं जिसका सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी हमें खूब देखने को मिलता है। एक तरफ जगह जगह पर काम करते नेपाली कामगार और इंडो-तिब्बत बॉर्डर फ़ोर्स की छावनियां तो दूसरी तरफ झरने, सफेद हिमनद, शांत झीलें, और बहती हुई नदियां, हमारी थकान और ऊब को शांत करते दिखाई देते हैं।

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दर्शनीय स्थलों की यात्रा से लेकर प्रकृति की खोज तक के विकल्प इस जगह पर मौजूद हैं जो हमारी यात्रा के साथ साथ आत्मा को जीवंत कर देते हैं। पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में पर्यटकों के लिए कई तरह के आकर्षण मौजूद हैं और यदि आपके पास एक सप्ताह का समय है तो इस जगह को बहुत ही खूबसूरती के साथ एक्सप्लोर कर सकते हैं। इस जगह पर आध्यात्मिकता और प्राकृतिक स्वर्ग का एक अदभुत मिश्रण दिखाई देता है।

पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

जो लोग प्रकृति के बीच रोमांच चाहते हैं, उनके लिए पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में कई ट्रेकिंग ट्रेल्स हैं। थल केदार पिथौरागढ़ में सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। पिथौरागढ़ किला भी यहां का एक लोकप्रिय स्थान है। अन्य पर्यटन आकर्षणों में नकुलेश्वर मंदिर, अर्जुनेश्वर मंदिर, धुव मंदिर और कपिलेश्वर मंदिर शामिल हैं। पिथौरागढ़ के पास ही कफनी ग्लेशियर है जिसे ट्रेक करके आपको अनोखा अनुभव होगा। यहां से ही मानसरोवर और कैलाश यात्रा का शुभारंभ भी होता है इसीलिए पिथौरागढ़ (Pithoragarh) को मानसरोवर और कैलाश का द्वार भी कहा जाता है।

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कैलाश मानसरोवर यात्रा का द्वार

आपको बता दूं कि कैलास मानसरोवर सबसे ऊंचा शिवधाम है और इसका नाम सुनते ही हर किसी का मन वहां जाने को बेताब हो जाता है। इसकी तैयारी लोग यात्रा का ख्याल आने के साथ कर देते हैं। कैलाश पर्वत समुद्र सतह से 22068 फुट ऊँचा है तथा हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में स्थित है जो कि चीन के अधीन है अतः कैलाश चीन में आता है। इस जगह को चार धर्मों तिब्बती धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिन्दू का आध्यात्मिक केन्द्र कहा जाता है और सभी की अपनी अपनी मान्यताएं हैं।

रास्ते में पड़ने वाले पर्यटन स्थल

पिथौरागढ़ (Pithoragarh) की यात्रा लम्बी होने की वजह से कई तरह के पड़ाव अथवा पर्यटन स्थल रास्ते में आते हैं। काठगोदाम पहुंचने पर हल्द्वानी और नैनीताल घूमने का विकल्प रहता है। कैंची धाम भी रास्ते में ही पड़ता है जो कि नैनीताल का एक प्रसिद्ध स्थल है। इसके अलावा जब हम अल्मोड़ा पहुंचते हैं तो सबसे पहले न्याय के देवता का मंदिर देखने का ख्याल मन में बरबस आता है। केसार देवी का विश्व प्रसिद्ध स्थान भी यही है। इसके अलावा यहां के कैफ़े और प्राकृतिक दृश्य आपको अपने आपमें बांध लेते हैं।

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पिथौरागढ़ आसपास की जगहें

पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के अलावा यहां बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जहां सैलानियों का आना जाना लगा रहता है। चंडाक और खलिया टॉप ऐसी ही जगहें हैं। कुछ लोग यहां पर आकर मुनस्यारी भी जाते हैं। मुनस्यारी में पर्यटकों के लिए घूमने और अपना समय बिताने के लिए काफी कुछ है। नदी, झरने और पहाड़ के साथ साथ इस जगह पर आपको ट्रेकिंग, कैंपिंग और हरे भरे घास के मैदान मिल जाते हैं।

पिथौरागढ़ में कहां ठहरे?

पिथौरागढ़ (Pithoragarh) का ख्याल आते ही मन में यह ख्याल आता है कि क्या वहां पर ठहरने की कोई जगह है? पिथौरागढ़ में तो बहुत सारे होटल और रिसोर्ट मिल जायेंगे। उत्तराखंड पर्यटन के कई टूरिस्ट सेंटर भी मौजूद हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के छोटे छोटे गांवों में होम स्टे की सुविधा रहती है।

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पिथौरागढ़ कैसे पहुँचे?

पिथौरागढ़ (Pithoragarh) पहुंचने के लिए हवाई जहाज की सुविधा मौजूद है लेकिन इसका परिचालन काफी हद तक मौसम पर निर्भर करता है। इसलिए टिकट की बुकिंग करते समय मौसम का ख्याल रखें। ट्रेन की सुविधा काठगोदाम तक है उसके बाद आपको सड़क मार्ग से जाना होगा।

पिथौरागढ़ का मौसम?

जैसा कि आपको पता है हर मौसम में घूमने का अपना अलग मजा है। आप जो मौसम यात्रा के लिए चुनते हैं उसी के हिसाब से आपको अपनी यात्रा की तैयारी भी करनी होती है। पिथौरागढ़ (Pithoragarh) में अभी सर्द का मौसम है तो गर्म कपड़ों की काफी जरुरत पड़ेगी।

दोस्तों, आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको लेख पढ़कर कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें। 

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travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।