दिल्ली से मुंबई शिफ्ट करने के बाद जिस चीज को सबसे ज्यादा याद किया वह थी हिमाचल प्रदेश और उत्तरखंड की पर्वतीय स्थल और यात्राएं थी। फिर कुछ दिनों बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिल स्टेशन इगतपुरी (Igatpuri-Maharashtra) के बारे में पता चला, एक दोस्त ने बताया कि महाराष्ट्र के नासिक जिले में पश्चमी घाट पर स्थित स्ह्याद्री पर्वतमाला से घिरी यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। पहले तो मुझे विश्वास नहीं हुआ पर जैसे ही वीकेंड पास आता दिखा मन इगतपुरी जाने के लिए अनायास ही तैयार हो गया।
मुंबई से इगतपुरी हिल स्टेशन मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 130 किलोमीटर के दूरी पर स्थित है और यह (Igatpuri-Maharashtra) महाराष्ट्र के प्रमुख हिल्स स्टेशन में गिना जाता है। यह बात मुझे इगतपुरी पहुंचने के बाद पता चली और इस जगह का सौंदर्य देखकर मंत्रमुग्ध हो गया। प्रकृति ने इस जगह को क्या खूब सजाया-संवारा और खूबसूरती बक्शी है।
मुंबई से इगतपुरी (Igatpuri-Maharashtra) यात्रा के दौरान कई घाटो से होकर गुजरना होता है और बहुत ही मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। एक तरह ऊंची-ऊंची हरी भरी पहाड़ियां तो दूसरी तरफ घाटियों में बहती हुई नदी का सौंदर्य। झाड़ियों से भरे टेड़े मेढ़े रास्ते पर गाड़ी से सैर करने का अपना एक अलग ही उन्माद और आनंद मिलता है। इस जगह पर बहुत सारी फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है, यह जगह फोटोग्राफी और फोटो सेशन करने के लिए काफी अनुकूल है।
इगतपुरी के लिए तरह-तरह के सार्वजानिक परिवहन के साधन मौजूद हैं पर ज्यादातर लोग अपनी निजी गाड़ी से जाना पसंद करते हैं क्योंकि इगतपुरी मुंबई और पुणे के लोगों के लिए पॉपुलर वीकेंड डेस्टिनेशन के रूप में कार्य करता है जहां वीकेंड पर आने वाले पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। हम लोगों ने भी अपनी गाड़ी ली और लगभग तीन घंटे की एक सुखद यात्रा के पश्चात इगतपुरी पहुंच गए।
इगतपुरी (Igatpuri-Maharashtra) अपने प्राचीन और स्थानीय मंदिरों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। इस जगह पर आकर घाटों की रक्षक घाटनदेवी को समर्पित घाटनदेवी मंदिर ज़रूर देखना चाहिए। इस मंदिर से नीचे की घाटी और स्ह्याद्री पर्वतमाला के खूबसूरत नज़ारे देखकर मन खुशी से झूम उठता है। इगतपुरी पर्यटन के अलावा एक और जिस चीज के लिए प्रसिद्ध है वह है यहां का विपास्सना केंद्र। इस केंद्र में ध्यान योग का पूरा कोर्स करवाया जाता है और सालों से हो रहे योग के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है।
इतिहास और वास्तुकला के प्रीमियों को त्रिंगलवाड़ी किला काफी आकर्षित करता है। पर्यटकों को अपनी इगतपुरी (Igatpuri-Maharashtra) यात्रा के दौरान इस किले को प्राथमिकता में रखना चाहिए और अवश्य देखना चाहिए। समुद्रतल से 3000 फीट ऊपर बने इस शाही किले से नीचे बसा पूरा इगतपुरी शहर और स्ह्याद्री पर्वतमाला का अद्भुत व मनभावन नज़ारा प्रस्तुत करता है।
इसी जगह पर शिवाजी महाराज के जीवन को दर्शाता, वालावलकर संग्रहालय एक अनोखा संग्रहालय भी है जो मुझे काफी पसंद आया और उम्मीद करता हूं कि आपको भी ज़रूर पसंद आएगा। इगतपुरी घूमने-टहलने के लिए जगहों की कोई कमी नहीं है, सर्द और मानसून सबसे उपयुक्त समय होता है। यह (Igatpuri-Maharashtra) महाराष्ट का प्रमुख पर्यटन स्थल है जिसकी वजह से खाने और रहने के लिए भी इस जगह पर तरह-तरह के विकल्प मौजूद हैं।
मैंने पाया कि भीड़ भाड़ से दूर एकांत की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए सचमुच यह जगह एक स्वर्ग के समान है। पुराने किलों, राजसी झरनों और ऊंचे पहाड़ों के अलावा, इगतपुरी रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी एक शानदार जगह है। अपनी यात्रा के दौरान आप कुलंगगढ़, कैमल घाटी, अमृतेश्वर मंदिर, कसारा घाट, संथान घाटी, भत्सा नदी घाटी, भवाली डैम, विहिगॉन वॉटरफॉल, कालसुबाई पीक जाना तो बिल्कुल भी नहीं भूलें।