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पर्यटन स्थल

मुनस्यारी में देखें जोहार घाटी का अद्भुत सौन्दर्य

Munsiyari Travel Guide

Munsiyari Travel Guide: सर्दियां को घुमक्कड़ों का मौसम कहा जाता है। जब पूरी दुनिया अपने कमरे में दुबकी रहती है घुमक्कड़ प्रवृति के लोग अपने घरों से दूर किसी दुर्गम जगह की ख़ाक जान रहे होते हैं। सच कहूं तो घुमक्कड़ी उन लोगों के लिए है जो डर में भी रोमांच को जीना पसंद करते हैं। मुझे भी रोमांच पसंद है। मैं डर के बावजूद भी इस रोमांच को जीता हूं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरे पास कुल सप्ताह भर का समय था और मैं दिल्ली से निकलकर मुनस्यारी पहुंच गया।

मुनस्यारी इसलिए क्योंकि मुझे लॉन्ग ड्राइव का मज़ा लेना था, बहुत सारी जगहें घुमनी थी, बर्फबारी देखनी थी, ट्रेकिंग करनी थी और छोटे छोटे पहाड़ी गांवों में सोकर कुछ रातें गुजारनी थी। ऐसे में मुनस्यारी से अनुकूल जगह मुझे शायद ही कोई मिल सकती थी। मुनस्यारी हिमालय के ऊपरी हिस्से में बसा है और उत्तराखंड के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों की लिस्ट में आता है।

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अनुभूति जो जीवन के अनुभव में शामिल हो जाती है

मुनस्यारी पहुंचकर आपको इस बात का अहसास होगा कि आप नेपाल और तिब्बत की सीमा पर पहुंच गए हैं। ऊंची-ऊंची चोटियां और बर्फीले पहाड़। सुबह जब नींद खुलती है और नज़र खिड़की से बाहर जाती है तो लगता है कि हम जन्नत में पहुंच गए हैं। यहां से हिमालय की पांच चोटियां दिखाई देती हैं। जिसे पंचाचूली कहा जाता है। पंचाचूली देखना मुनस्यारी आने वाले लोगों की पहली प्राथमिकता होती है। इन पहाड़ियों को पांडव के स्वर्गारोहण के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है जिसके पीछे कई तरह की पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।इसके अलावा पर्यटकों की जिजीविषा त्रिशूल पर्वत, नन्दा देवी और खलिया टॉप देखने की रहती है।

इस जगह पर आकर आप थमरी कुंड, महेश्वर कुंड, कालामुनि मंदिर, मदकोट, बिर्थी वाटरफॉल, नंदा देवी डानाधार और नंदा देवी जौहर घूम सकते हैं। इसके अलावा यहां स्थित म्यूजियम भी देख सकते हैं। इन जगहों पर पहुंचकर चारों तरफ पहाड़ और प्रकृति की खीब्सूरति दिखाई देती है। यही कारण है कि मुनस्यारी को लोग भारत का छोटा कश्मीर कहा जाता है।

आप भी मेरी तरह सर्दियों में लॉन्ग ड्राइव का मज़ा लेना चाहते हैं तो आज मैं इस ट्रैवल गाइड (Munsiyari Travel Guide) के माध्यम से मैं आपको बता देता हूं कि किस तरह के तैयारी की जरुरत हो होगी? आप कब और किस तरह से निकले? कहां ठहरें? और किस तरह की जगहों पर घूमें तो आपकी यात्रा काफी आसान हो जाएगी।

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मुनस्यारी जाने की तैयारी

मुनस्यारी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आता है। इस जगह पर खूब ठण्ड पड़ती है। कई बार तो मुनस्यारी का टेम्परेचर शून्य से भी नीचे चला जाता है। ऐसे में गर्म कपड़े कैरी करना बिलकुल भीं नहीं भूले। जैकेट और स्वेटर के साथ दो तीन जोड़े थर्मल वियर और मोज़े जरूर रखें। सर्दियों में स्किन रूखी हो जाती है ऐसे में कोल्ड क्रीम और कुछ जरुरी दवाएं रखना बिलकुल भी नहीं भूले। इसके अलावा अगर आप गर्म शाल अथवा स्लीपिंग बैग रखते हैं तो यह आपकी यात्रा को रोमांचक के साथ साथ आरामदायक भी बना देगा।

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दिल्ली से मुनस्यारी की यात्रा

दिल्ली से मुनस्यारी की कुल दूरी लगभग 600 किलोमीटर है। दिल्ली से काठगोदाम बस, ट्रेन या फिर अपने निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। काठगोदाम के बाद पहाड़ी रास्ता शुरू हो जाता है और तक़रीबन 300 ड्राइव के बाद ही ख़त्म होता है। दिल्ली से मुनस्यारी के लिए उत्तराखंड परिवहन की एक बस भी जाती है और यह बस सुविधा देहरादून से भी आपको मिल सकती है।

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मुनस्यारी में कहां ठहरे?

किसी भी जगह पर जाने से पहले सबसे पहला ख्याल एहि आता है कि कहां ठहरे? आपके भी मन में आ रहा होगा। आपको बता दूं कि यहां पर रुकने की बहुत सारी जगहें मौजूद हैं। आप चाहे तो टेंट में भी रह सकते हैं। मैं एक गांव में रुका था जिसके लिए पांच सौ रुपये देने पड़े थे।

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जौहर घाटी का अद्भुत सौंदर्य

आपको बता दूं कि मुनस्यारी रालाम, नामिक और मिलम ग्लेशियर का बेस कैंप है। इस जगह पर आदि कैलाश यात्रा, धारचुला कैलास मानसरोवर यात्रा और नारायण स्वामी आश्रम यात्रा के दौरान यात्री यहां पर रुकते हैं। इस पूरी घाटी को जौहर घाटी के रूप में जाना जाता है। यहां पर दो बहुत ही खूबसूरत झीलें हैं जिन्हें महेश्वर कुंड और थमरी कुंड के नाम से जाना जाता है। यह जगह ट्रैकिंग और फोटोग्राफी के शौक़ीन लोगों को खूब रास आती है।

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कुछ जगहों की जानकारी

इस ट्रैवल गाइड (Munsiyari Travel Guide) के माध्यम से आपको कुछ और भी जगहों के बारे में बताना चाहता हूँ ताकि आपको इस यात्रा का पूरा पूरा मज़ा आ सके।

महेश्वर कुण्ड

यह जौहर घाटी में एक प्राकृतिक झील है। इसे स्थानीय लोग मेहर या फिर मेहसर कुंड भी कहते हैं। इस इस जगह पर ट्रेक करके पहुंचना होता है। यह पूरा क्षेत्र हिमालयन वनस्पतियों से भरपूर है। यहां से सभी चोटियां स्पष्टतौर पर दिखाई देती है। दूर से आने वाले सैलानी इस जगह पर समय व्यतीत पसंद करते हैं। इस जगह से जुडी बहुत सारी पौराणिक मान्यताएं हैं।

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थमरी कुंड

थमरी कुंड जौहर घाटी के ऊपरी हिस्से में स्थित एक बर्फ़ के पहाड़ों से घिरी हुई झील है। यह पूरे बारह महीने पानी से भरी रहती है। इस जगह पर खूब सारे पेड़ पौधे हैं और पूरा का पूरा क्षेत्र ही बहुत खूबसूरत दिखता है। इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको मुनस्यारी से दस किमी जंगलों के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। आपको पांच से सात घंटे की ट्रेकिंग करनी पड़ती है।

मदकोट

गोरी नदी और मंदाकनी के बीच स्थित होने की वजह से यह जगह काफी खूबसूरत है। इस जगह पर एक तरफ से गोरी गंगा आती है और दूसरी तरफ से मन्दाकिनी। यह दोनों ही नदियां मदकोट में आकर मिल जाती हैं। इस जगह पर भोलेनाथ का एक बहुत ही सुन्दर मंडित स्थित है। इस जगह पर एक ऐसी भी जगह हैं जहां से गर्म पानी निकलता है।

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कलामुनि टॉप

यह जगह अपने खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है लेकिन इस जगह की प्रासंगिकता काली माता के मंदिर की वजह से कहीं ज्यादा है। इस जगह पर श्रदालु अपनी आस्था लिए आते हैं और माता के मंदिर में घंटियां बनकर मनौती मनाते हैं। स्थानीय लोग अभी भी अपनी सभी पराम्परिक मान्यताओं का पालन करते हैं। सैलानी इस जगह से खूबसूरत चोटियों को निहारते नहीं थकते हैं।

विर्थी वॉटरफॉल

मुनस्यारी आने वाले लोगों की पहली पसंद होती है लेकिन यह बात जान लेनी चाहिए कि यह जगह पिथौरागढ़ से 14 किमी और मुनस्यारी से 35 किमी की दूरी पर स्थित है। कहने का तात्पर्य यह कि जो लोग पिथौरागढ़ घूमने जा रहे हैं उनके लिए भी इस वॉटरफॉल को देखना आसान है। लगभग 400 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता पानी एक अद्भुत दृश्य उत्पन करता है।

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दोस्तों, आशा करता हूं कि यह ट्रैवल गाइड (Munsiyari Travel Guide) आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको लेख पढ़कर कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें। 

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travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।