प्रकृति के बीच चाय का स्वाद अक्सर हमें मुन्नार (Munnar) की याद दिलाता है। खूबसूरत वादियां, पर्यटन स्थल और चाय के बड़े-बड़े बागान ऐसा लगता है कि हम किसी अलग दुनिया में आ गए हैं। आपको बता दूं कि मुन्नार दक्षिण भारत के केरल राज्य में स्थित एक खुबसूरत हिल्स स्टेशन है जो दुनिया भर में अपने चाय के बागानों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है। हम जब किसी ठौर पर रुकते हैं तो यहां की छोटी-छोटी गुमटियां इस बात का सहज ही अहसास कराती हैं जैसे की इस शहर में चाय का स्वाद घुला हो। इसलिए जब भी मुन्नार घूमने आएं तो यहां की चाय और चाय के बागानों को बिलकुल भी मिस नहीं कीजिये।
दक्षिण भारत के सबसे बड़े चाय के बागान मुन्नार में हैं जिनकी वजह से मुन्नार सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन बन गया है।
जैव विविधता और प्रकृति का अद्भुत समन्वय
यह छोटा सा हिल स्टेशन अपने आप में तरह-तरह की जैव विविधताओं को समेटे हुए है तथा कई लुप्त प्रजातियों के जीव-जंतुओं का निवास स्थान भी हैं। मुन्नार (Munnar) की यात्रा का अपना एक अलग रोमांच होता है जो इस जगह पर आने वाले यात्रियों में सहज रूप से देखने को मिलता है। यही कारण है कि छोटा हिल स्टेशन होने के वावजूद मुन्नार दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख हिल स्टेशनों में गिना जाता है। इस जगह पर पर्यटकों की सुविधा का विशेष ध्यान दिया होता है। मुन्नार में पर्यटकों की सुविधा के लिए सूचना कार्यालय स्थापित किया गया है ताकि किसी तरह की जानकारी अथवा असुविधा की स्थित में संपर्क किया जा सके।
मुन्नार के प्रमुख पर्यटन स्थल
मुन्नार (Munnar) में घूमने के लिए बहुत सारे पर्यटन स्थल मौजूद हैं। कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल जहां पर जाकर आपको अच्छा लगेगा उसमें नीलकुरिंजी, रोज़ गार्डेन, इको पॉइंट, अनामुड़ी पीक, लक्कम वाटरफॉल, टाटा टी म्युजियम तथा पुनर्जन्नी ट्रेडिशनल विलेज आदि हैं। इन सबके अलावा भी मुन्नार में बहुतेरी ऐसी जगहें हैं जहां पर जाना और घूमना अच्छा लगेगा।
नीलकुरिंजी: नीले फूलों की दुनिया
मुन्नार (Munnar) यात्रा के दौरान अगर आप किसी जगह पर जाना चाहें तो नीलकुरिंजी जरूर जाएं। यह मुन्नार का बहुत ही सुन्दर स्थान है और अपने यहां खिलने वाले नीले फूलों की वजह से दुनिया भर में जाना जाता है। इस छोटी सी जगह पर 40 प्रकार के पुष्पों की प्रजातियां विधमान हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर नीले रंग के पुष्प हैं। इन फूलों की खूबसूरती और आकर्षण का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि नीले रंगों के पुष्पों के कारण नीलकुरिंजी के पहाड़ भी नीले प्रतीत होते हैं। हरी भरी धरती पर फूलों की खूबसूरती और दूर दूर तक की पहाड़ियों पर छाया उनका नीला रंग फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटकों के दिल को छु जाते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए नीलकुरिंजी किसी जन्नत से कम नही हैं।
रोज गार्डन: फूलों की खूबसूरत दुनिया
मुन्नार के मट्टुपेट्टी में स्थित रोज गार्डन मुन्नार (Munnar) शहर से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गार्डेन मुन्नार के सबसे खूबसूरत और आकर्षक पर्यटन स्थलों में आता है। इस जगह पर आपको सुन्दर गुलाब के फूलों की एक से बढ़कर एक प्रजातियां दिखाई दे जाएंगी जिनको देखकर आपको ख़ुशी का अनुभव होगा। रोज गार्डन के आसपास कई दर्शनीय स्थान हैं जहां आप जा सकते हैं। कहने का मतलब यह कि अगर आप रोज़ गार्डन घूमने आते हैं तो साथ में एक दो जगह और भी घूम और देख सकते हैं।
इको पॉइंट: जैव विविधता का अलहदा संसार
मुन्नार (Munnar) में जैविक विविधता प्रचुर मात्रा पायी जाती है। जिसकी वजह से यहां पर पर्यटकों के लिए तरह तरह के विकल्प मौजूद हैं। यदि आप किसी शांत और खूबसूरत जगह की तलाश कर रहे हैं तो मुन्नार का इको पॉइंट आपको काफी पसंद आएगा। इस जगह के शांत वातावरण और ठंडी हवा के बीच घूमना, समय व्यतीत करना, पिकनिक मनाना आपको काफी अच्छा लगेगा। आपको बता दें कि यह स्थान एक सुन्दर झील के किनारे पर स्थित है। अगर आप कुछ भी बोलते हैं जो झरने के भीतर भी अपनी आवाज क्लियर रूप से सुन सकते हैं। इको पॉइंट के आसपास चाय, कॉफ़ी तथा मसालों के बागान भी है। इन स्थानों पर घूमने के साथ-साथ आप ट्रेकिंग भी कर सकते हैं जो आपके यात्रा के अनुभवों में इजाफा करेगा।
अनामुड़ी पीक : हाथी की आकृति की चोटी
अनामुड़ी पीक दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटियों में शुमार है जो अपनी हाथी से मिलती-जुलती आकृति सी प्रतीत होती है। यही कारण है कि इसका नाम अनामुड़ी है। आपको बता दूं कि अनामुड़ी का मतलब हाथी का माथा होता है। इस जगह पर पर्यटक इसी चोटी को देखने के लिए आते हैं। इस जगह की सुबह और शामें काफी सुन्दर और सुरम्य होती हैं। सूर्य उदय के समय इस जगह का खूबसूरत नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। अगर मुन्नार की यात्रा पर हैं तो एक बार इस स्थान पर घूमने जरूर जाएं।
पुनर्जन्नी : मुन्नार का एक पारंपरिक गांव
पुनर्जनी एक पारंपरिक गांव है जो केरल के मुन्नार शहर से तक़रीबन 18 किलोमीटर की दूरी पर पल्लीवासल नामक जगह पर स्थित है। यह गांव अभी भी अपनी संस्कृति और पारंपरिकता को संजोये हुए है। इस जगह पर प्रतिदिन एक घंटे के लिए कला से सम्बंधित शो आयोजित किया जाता है जिससे मुन्नार और आसपास की सभ्यता और संस्कृति की झलक मिलती है। इस जगह पर आकर आपको अच्छा लगेगा और दक्षिण की सांस्कृतिक विरासत को अच्छे से जान पाएंगे।
मुन्नार कैसे जाएं ?
अगर आप मुन्नार (Munnar) की यात्रा पर आते हैं तो आप फ्लाइट, ट्रेन और बस में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। हवाई मार्ग का चुनाव करते हैं तो आपको सबसे पहले कोचीन पहुंचना होगा। यह मुन्नार का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जो मुन्नार से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुन्नार का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अलुवा रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन मुन्नार से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। कोचीन और अलुआ दोनों ही जगहों से आपको मुन्नार के लिए आसानी से बस अथवा टैक्सी की सुविधा मिल जाती है। यदि आप सड़क मार्ग से जाना हो तो मुन्नार केरल राज्य के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। पर्यटक आसानी से बस के माध्यम से मुन्नार पहुंच सकते हैं।
दोस्तों, आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको लेख पढ़कर कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें।
हमसे संपर्क करें : अगर आप कोई सूचना, लेख, ऑडियो-वीडियो या सुझाव हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो इस ईमेल आईडी पर भेजें: indiastrolling@gmail.com