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पर्यटन स्थल

पर्यटन और जैव विविधता से भरपूर खज्जियार

khajjiar

हिमाचल घूमने का जब भी जिक्र होता है तो एक नाम खज्जियार का भी आता है। यह चम्बा जिले में स्थित हिमाचल प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस जगह पर हर साल लाखों लोग भ्रमण के लिए आते हैं। इस जगह पर ही खजजी नागा का लोकप्रिय मंदिर स्थित है जिसकी वजह से इस जगह का नाम खज्जियार (khajjiar) पड़ा। इस ब्लॉग में खज्जियार के पर्यटन स्थल, मौसम, रहन-सहन, खानपान और यात्रा सम्बन्धी सभी जानकारी शामिल है।

खज्जियार एक परिचय

खज्जियार (khajjiar) का नाम विश्व के 160 ऐसे स्थानों में जोड़ा जाना है जिनकी स्थलाकृतिक समानता स्विट्जरलैंड की स्थलाकृतिक परिस्थितियों से हूबहू मिलती है। इसीलिए खज्जियार को मिनी स्विट्जरलैंड की संज्ञा दी जाती है। यह जगह अपने तस्तरी के आकार की पठार, खूबसूरत झील और चरागाहों की वजह से दुनिया भर के सैलानियों को आकर्षित करती है।

दो साल पहले अपनी डलहौजी यात्रा के दौरान मेरा इस जगह पर जाना हुआ था। यह जगह पठानकोट से 118 और डलहौजी से 24 किमी की दूर घूमने फिरने के लिहाज़ से काफी खूबसूरत है। इस जगह का स्वच्छ वातावरण, प्राकृतिक सुंदरता पर्यटन स्थल और पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी, ट्रेकिंग जैसी गतिविधियां पर्यटकों के अनुकूल बनाती हैं।

मिनी स्विस के पीछे की कहानी

खज्जियार (khajjiar) को मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने के पीछे एक छोटी सी कहानी भी है। ऐसा कहा जाता है कि जुलाई 1992 को स्विट्जरलैंड के वाइस काउंसलर विली पी. ब्लेजर भारत यात्रा पर आये थे और उन्होंने ही सबसे पहले खज्जियार को “मिनी स्विट्जरलैंड” कह कर बुलाया था। विली पी. ब्लेजर ने खज्जियार में एक साइन बोर्ड पर खज्जियार (khajjiar) से स्विटरजरलैंड की राजधानी बर्न की पैदल यात्रा की दूरी अंकित की थी। विली पी. ब्लेजर अपने साथ उस समय खज्जियार से एक पत्थर का टुकड़ा भी लेकर गए थे और उस पत्थर के टुकड़े उन्होंने स्विटरजरलैंड की संसद में रखवाया दिया।

इस जगह पर यदि आप घूमने आते हैं तो कुछ बहुत ही ख़ास चीजें हैं जिन्हें देखना चाहिए।

खज्जियार झील

यह झील खज्जियार (khajjiar) में देखी जाने वाली सबसे खास जगहों में से एक है। समुद्र तल से 1920 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है। पन्ना पहाड़ियों और कपास के बादलों से घिरी यह खूबसूरत झील आसपास का 5000 वर्ग गज के क्षेत्र को कवर करती है। देवदार के जंगलों से घिरी यह झील कैलाश पर्वत का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है।

चर्च ऑफ स्कॉटलैंड 

ब्रिटिश शासन के दौरान डलहौजी, खज्जियार (khajjiar) और चंबा के आसपास के क्षेत्रों में अंग्रेजों ने काफी समय बिताया जिसका प्रभाव आज भी देखने को मिलता है। इस क्षेत्र में स्थित प्रशासनिक इमारतों के अलावा यहां के चर्च ब्रिटिश वास्तुकला की कहानी कहते हैं। खज्जियार से 22 किलोमीटर दूर चर्च ऑफ स्कॉटलैंड भी उन्हीं में से एक है। इस चर्च का निर्माण राजा शाम सिंह द्वारा 1899-1905 के मध्य करवाया गया था।

कलातोप अभयारण्य

यह वन्यजीव अभयारण्य अपनी वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत विविधता की वजह से जाना-जाता है। यह जगह रावी नदी में बहने वाली छोटी धाराओं के साथ देवदार के पेड़ों से ढकी हुई है। इस अभयारण्य में आप लंगूर, सियार, भालू, हिरण, तेंदुआ और हिमालयन ब्लैक मार्टन के साथ-साथ कई अनगिनत आकर्षक पक्षियों को भी देख सकते हैं। कलातोप वन्यजीव अभयारण्य ट्रेकिंग, पिकनिक और प्रकृति सैर के लिए बहुत अच्छी जगह है। इस वन्यजीव अभयारण्य में जानवरों और पक्षियों की कई लुप्तप्राय प्रजातियां भी पाई जाती है।

धौलाधार रेंज खज्जियार

धौलाधार पर्वत श्रृंखला को दूर से देखना जितना खूबसूरत लगता है उससे भी ज्यादा उसे करीब से महसूस करना। आपको अगर ट्रेकिंग और हाईकिंग का मज़ा लेना है तो आप जा सकते हैं। यह एक बहुत ही अलग अहसास दिलाने वाली चीज है। इस जगह पर आप हिमालय की जैव विविधता और प्रकृति को देख सकते हैं।

खजजी नाग मंदिर

यह 12 वीं शताब्दी में निर्मित नागों को समर्पित खजजी मंदिर में आपको कुछ सर्प मूर्तियां देखने को मिलेंगी। यह मंदिर मुख्य रूप से एक लकड़ी का ढांचा है, जिसके मुख्य देवता खज्जी नाग हैं। मंदिर की वास्तुकला में हिंदू और मुस्लिम शैली दोनों का मिश्रण देखने को मिलता है। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी ईस्वी में शुरू हुआ था।

हैंडीक्राफ्ट्स सेंटर

खज्जियार (khajjiar) में तिब्बत मार्किट के तौर पर एच पी स्टेट हैंडीक्राफ्ट्स सेंटर बना हुआ है। तिब्बत की पारम्परिक वस्तुओं के अलावा हिमाचल प्रदेश के हस्तनिर्मित उत्पाद यहां आपको मिल जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के ऊनी कपड़े काफी लोकप्रिय हैं। इस जगह पर आपको ड्राई फ्रूट्स से लेकर सामान्यतौर पर दिन-प्रतीदिन काम में आने वाली वस्तुएं मिल जाएंगी।

शिव की प्रतिमा

हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची प्रतिमा भी खज्जियार (khajjiar) में ही स्थित है। शिव की यह प्रतिमा लगभग 85 फीट ऊंची है। इस प्रतिमा को कांस्य में पॉलिश किया गया है। दूर से ही चमकती हुई यह प्रतिमा सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस जगह पर एक मंदिर भी स्थित है जिसमें हर साल जून-जुलाई के महीनों में समारोह होता है।

नाइन होल गोल्फ कोर्स

इस जगह पर पहुंचकर आपको सचमुच खज्जियार (khajjiar) में रहते हुए स्विटजरलैंड में होने का अहसास होगा। आपको अपनी यात्रा को खूबसूरत और मजेदार बनाने के लिए खज्जियार के पास में बने इस गोल्फ कोर्स में जरूर जाना चाहिए। दुनिया के सबसे महंगे खेलों में शुमार गोल्फ खेलने का मज़ा इस जगह पर आप किफायती दर पर ले सकेंगे।

स्वर्ण देवी मंदिर

यह मंदिर खज्जियार (khajjiar) का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। खज्जियार झील के पास स्थित इस मंदिर का गुम्बंद सोने का बना हुआ है। इस मंदिर को स्वर्ण देवी नाम यहां लगे हुए इसी स्वर्ण गुंबद से मिला है। इस मंदिर के पास खज्जियार का गोल्फ कोर्स भी है। यह हराभरा मैदान गोल्फ खेलने वालों के साथ-साथ गोल्फ देखने वालों को भी कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे।

पांच पांडव ट्री

खज्जियार (khajjiar) का पौराणिक महत्व भी इस जगह पर आकर आपको समझ में आएगा। पांच पांडव ट्री खज्जियार भी उसी में से एक है। इस पेड़ की जड़ से 6 अलग-अलग टहनियां निकल रही है। स्थानीय निवासियों के अनुसार ये महाभारत के समय के पांच पांडवों पांडवो की धर्म पत्नी द्रौपदी की तरफ इशारा करती है। डलहौजी और खज्जियार रोड पर ऐसा ही एक देवदार का भी पेड़ है जिससे 13 टहनियां निकली हुई है। इस पेड़ को मदर ट्री के नाम से जाना जाता है।

मौसम और यात्रा का सबसे अच्छा समय

खज्जियार (khajjiar) की यात्रा पूरे साल कभी भी की जा सकती है। जनवरी और फरवरी के महीनों में ठंड काफी ज्यादा पड़ती है, जिसकी वजह से यहां बर्फबारी भी होती है। लेकिन इस जगह पर ठण्ड के मौसम में घूमने का भी अपना एक अलग रोमांच है। खज्जियार के घास के मैदान और घने जंगल इसकी प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं और जलवायु को अनुकूल बनाते हैं।

खज्जियार कैसे पहुंचे ?

यह चंबा जिले का एक हिस्सा है और सड़क मार्ग के साथ अन्य जगहों से जुड़ा हुआ है। कुछ ही दुरी पर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन भी है जहां से आप टैक्सी द्वारा यात्रा करके आसानी से खज्जियार पहुंच सकते हैं। खाज्जिअर (khajjiar) निकटतम रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट दोनों ही पठानकोट में स्थित है।

फ्लाइट के द्वारा खज्जियार कैसे जाएं : खज्जियार में अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा गग्गल और पठानकोट में स्थित है। जहां से टैक्सी और बसें आसानी से मिल जायेंगी।

सड़क मार्ग से खज्जियार कैसे जाएं : खज्जियार डलहौजी शिमला और चंबा जैसे कई प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग की मदद से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस मार्ग पर राज्य की कई बसें चलती हैं जो आपको खज्जियार तक आसानी से पहुंचा देंगी।

ट्रेन से खज्जियार की यात्रा : खज्जियार का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है। पठानकोट रेलवे स्टेशन के देश के सभी महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। पठानकोट से खाज्जिअर तक यात्रा करने के लिए आपको टैक्सी किराए पर मिल जाएगी।

खज्जियार में कहां ठहरे ?

खज्जियार (khajjiar) में और इसके आसपास रुकने के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। इस जगह पर आपको कई होटल और होमस्टे मिल जायेंगे। आप चाहे तो डलहौजी और चंबा में भी रुक सकते हैं। इन जगहों पर आपको और भी बेहतर विकल्प मिल जायेंगे।

खाज्जिअर में खानपान

खज्जियार (khajjiar) में स्थानीय भोजन के आलावा भी कई तरह के विकल्प मिल जायेंगे। कुछ बड़े होटल्स और रिसॉर्ट्स में खाने की विविधता मिल जाएगी। इन जगहों पर आपको नूडल्स, सूप जैसे कई फूड से अपनी हल्की भूख को मिलता सकते हैं। यहां के स्ट्रीट फूड भी काफी लोकप्रिय है, जिसका स्वाद आपको जरुर चखना चाहिए।

travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।