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घुमक्कड़ी

हिमाचल का मिनी स्विट्जरलैंड खाज्जिअर की यात्रा

Switzerland of India Khajjiar

खाज्जिअर (Switzerland of India): डलहौजी घूमने वाले हर सैलानी का मन होता है कि जब यहाँ तक आ ही गए हैं तो कुछ दिन रुककर खाज्जिअर भी घूम लेते हैं। ठीक यही ख़्याल मेरे मन में भी आया और डलहौज़ी में दो दिन ब्यतीत करने के पश्चात हमने तय किया की चलो अब खाज्जिअर चलते हैं जो कि डलहौजी के पास बसा एक छोटा सा शहर है। इस जगह पर पहुंचने के लिए लगभग 25 किमी की दूरी तय करनी होती है। पूरा का पूरा रास्ता हरे-भरे पेड़ों, झीलों और प्राकृतिक खूबसूरती से सजा है जोकि आने जाने वाले सैलानियों को बहुत ही भाता है।

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खज्जियार झील

खज्जियार झील और यहाँ के घास के मैदान इतने सुंदर हैं कि इन्हें मिनी स्विट्जरलैंड (Switzerland of India) की संज्ञा दी जाती है। लोग इस जगह को देखने के लिए आते हैं और इसकी ख़ूबसूरती में खो जाते हैं। फिर चाहे यहाँ का मौसम हो या फिर चीड़ और देवदार के ऊँचे-घने वृक्ष हर चीज़ मन को मोहती प्रतीत होती है। यह एक ऐसी जगह है जहां कभी भी बारिश हो जाती है और कोहरे में लिपटे इस शहर की ख़ूबसूरती में और भी ज़्यादा निखार आ जाता है।

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खज्जियार के मंदिर

यह जगह अपनी ख़ूबसूरती के अलावा मंदिरों के लिए भी जानी जाती है। इस जगह पर कई छोटे-बड़े मंदिर मौजूद हैं जो यहाँ के लोगों के धार्मिक आस्था को ज़ाहिर करते हैं। दूर-दूर से आए सैलानी भी इन मंदिरों में जाना पसंद करते हैं और इनकी बनावट को देखकर मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाते हैं। इस छोटे से हिल स्टेशन को खासकर खज्जी नागा मंदिर के लिए जाना जाता है।

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खज्जियार गोल्फ कोर्स

खाज्जिअर (Switzerland of India) अपने नौ-छेद वाले गोल्फ कोर्स के लिए जाना जाता है, लोग इस जगह पर आकर गोल्फ़ खेलना भी पसंद करते हैं। साथ ही साथ आप इस जगह पर आकर ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी का मजा भी ले सकते हैं और अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं। खाज्जिअर को मिनी स्विट्जरलैंड (Switzerland of India) के रूप में भी देखा जाता है इसलिए यहाँ पर कई फ़िल्मों की शूटिंग भी हुई है। ग़दर एक प्रेम कथा, वजूद, लुटेरे और हिमालय पुत्र जैसी कई फ़िल्मों के दृश्य यहाँ फ़िल्माएँ गए हैं। 

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खज्जियार के आकर्षण

खाज्जिअर घुमने आए हैं तो खाज्जिअर झील, भगवान शिव की 85 फीट की विशाल प्रतिमा, खज्जी नागा मंदिर, स्वर्ण देवी मंदिर और कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य देखना तो बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिये। यह वह जगहें हैं जो खाज्जिअर (Switzerland of India) को ख़ास बनाती और एक पर्यटन स्थल के रूप में इसे स्थापित करते हैं। खाज्जिअर झील की बात करें तो यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह प्रसिद्ध है। पन्ना की ऊँची ऊँची पहाड़ियों और बादलों से घिरी यह खूबसूरत झील हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। खाज्जिअर झील तक़रीबन छह हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है और पांच हजार वर्ग गज के क्षेत्र को कवर करती है।

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खज्जी नागा मंदिर

इस जगह पर बनें मंदिरों में प्रमुख है। बारहवीं शताब्दी में निर्मित खज्जी नागा मंदिर, नागों को समर्पित एक मंदिर है। इस मंदिर में प्रवेश करते ही तरह-तरह की सर्प मूर्तियां देखने को मिलती है, इस मंदिर के मुख्य देवता खज्जी नाग हैं इसीलिए इस मंदिर को खज्जी नागा मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की संरचना लकड़ी से बनी है और इसकी बनावट काफ़ी अच्छी है। इस मंदिर के बनने के समय को लेकर थोड़ा-बहुत संशय है लेकिन शोधकर्ताओं के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में शुरू हुआ था और इसकी वास्तुकला में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही शैलियों की झलक देखने को मिलती है। इस मंदिर में सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है। अगर आप खाज्जिअर (Switzerland of India) जा रहे हैं तो आपको खज्जी नाग मंदिर के दर्शन करने के लिए जरुर जाना चाहिए।

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स्वर्ण देवी मंदिर

खाज्जिअर झील के पास ही एक देवी मंदिर है जिसे स्वर्ण देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है, यह खाज्जिअर (Switzerland of India) के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। इस मंदिर का नाम यहां लगे हुए स्वर्ण गुंबद की वजह से पड़ा है। इस जगह पर भी लोग दर्शन के लिए आते हैं। इसी मंदिर के पास एक गोल्फ कोर्स है जहां पर दुनिया भर के लोग गोल्फ़ का लुत्फ़ उठाने के लिए आते हैं।

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कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य

कालाटॉप वन्यजीव अभयारण्य खाज्जिअर के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इस अभयारण्य को वनस्पतियों और जीवों की विविधता की वजह से जाना जाता है। यह जगह चीड़ और देवदार के लम्बे घने पेड़ों से भरी हुई है और जंगल में  रावी नदी की तमाम छोटी धाराओं के साथ-साथ भालू, हिरण, तेंदुआ, लंगूर, सियार और हिमालयन ब्लैक मार्टन के साथ-साथ कई अनगिनत आकर्षक पक्षियों को भी देखा जा सकता है। 

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खज्जियार में पैराग्लाइडिंग

इस जगह पर आकर नेचर वॉक से लेकर पैराग्लाइडिंग तक की तरह-तरह की गतिविधियाँ कर सकते हैं। खाज्जिअर (Switzerland of India) के शांत माहौल में घूमना जितना अच्छा लगता है, उतना ही अच्छा लगता है पैराग्लाइडिंग करना। पैराग्लाइडिंग करना तो रोमांचक होता ही होता है, पैराग्लाइडिंग करते हुए यहाँ के हरे भरे घास के मैदानों को देखना काफ़ी अच्छा लगता है। 

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नेचर वॉक और ट्रेकिंग

इस जगह पर ट्रेकिंग के भी काफ़ी अच्छे और ख़ूबसूरत विकल्प है। पैदल चलना अगर आपको पसंद है तो आपको इस जगह पर और भी ज़्यादा अच्छा लगेगा। आप यहाँ के महज़ दूरदराज़ जगहों को ही नहीं देख पायेंगे बल्कि यहाँ की जैविक विविधता से भी अच्छी तरह परिचित हो सकेंगे। इस जगह पर आपको घोड़े की सवारी करते लोग भी दिख जायेंगे। आपको यदि रास आता है तो आप भी यहाँ पर घुड़सवारी का मज़ा ले सकते हैं।

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खज्जियार घूमने का समय

एक सवाल सैलानियों के मन में रहता है कि खाज्जिअर (Switzerland of India) जाने के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है। दरअसल यह दो चीज़ों पर निर्भर करता है। पहला मौसम और दूसरा आपकी दिलचस्पी। खाज्जिअर का मौसम पूरे साल ठंडा रहता है, यहाँ तक की गरमियों में भी यहाँ का तापमान 6 से 20 डिग्री सेल्सियस रहता है। हाँ, सर्द के मौसम में खाज्जिअर (Switzerland of India) में ठंड काफी बढ़ जाती है जिसकी वजह से कुछ लोग इस जगह पर आने से बचते हैं। लेकिन इस दौरान यहाँ बर्फ़ भी पड़ती है जिसे देखने के लिए ज़्यादातर लोग सर्द में ही आना पसंद करते हैं।

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खाज्जिअर कैसे पहुंचे?

खाज्जिअर कैसे पहुंचे? यह सवाल हर उस सैलानी के मन में आता है जो पहली बार जा रहा है। मेरे मन में भी सबसे पहला सवाल यही आया था। अच्छी बात यह कि डलहौजी बहुत ही अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यहां आप सार्वजनिक अथवा निजी वाहन द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। ट्रेन से जाना चाहते हैं तो खाज्जिअर का निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट है, इस स्टेशन से भी आप टैक्सी के जरिए खाज्जिअर पहुंच सकते हैं। अगर आपको फ्लाइट से जाना है तो निकटतम हवाई अड्डा धर्मशाला के करीब गग्गल में स्थित है। इस हवाई अड्डे से आपको खाज्जिअर (Switzerland of India) के लिए टैक्सी और बसें आसानी से मिल जाएंगी। 

एक बार आप खाज्जिअर पहुंच गए तो अगली चुनौती आपके मन में रहने और खाने पीने की रहेगी। इसलिए यह पहले से ही जान लीजिए कि खाज्जिअर में ठहरने के लिए कई सारे अच्छे विकल्प हैं, इसलिए निश्चिन्त होकर पहुंच जायें ।

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travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।