कल्पा हिमाचल (Kalpa Himachal): हिमाचल के शहर जितने खूबसूरत हैं उससे भी कहीं ज्यादा गांव। मुझे तो यहां के गांव कुछ ज्यादा ही रास आते हैं। ऐसे ही किन्नौर जिले में स्थित एक गांव कल्पा है जिसे शिव का पौराणिक घर कहा जाता है। कल्पा (Kalpa) रिकांग पियो से पहले किन्नौर जिले का मुख्यालय हुआ करता था। वर्तमान में हिमाचल का यह एक खास पर्यटन स्थल और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बहुत ही खास जगह है। ऐसा कहा जाता है कि 19वीं सदी में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी के यात्रा के बाद से इस जगह का महत्व बढ़ा।
कल्पा एक परिचय
शिव का पौराणिक घर कल्पा में देखने और समझने के लिए काफी कुछ है। किन्नौर कैलाश के नजदीक होने के नाते कल्पा में सुबह और शाम का दृश्य बहुत ही ज्यादा मनभावन होता है। सुबह टहलने से आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। किन्नौर कैलाश के पीछे सूर्योदय और सूर्यास्त का मनमोहक दृश्य है, आपको बहुत ही अच्छा लगेगा। कल्पा (Kalpa) के पास स्थित रोघी गांव में घूमना आपको अच्छा लगेगा। इस गांव का रास्ता सिर्फ गर्मी के मौसम में ही खुला रहता है। यदि आप गर्मी में जाएं तो इस गांव की यात्रा कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें : दुनिया का पूरी तरह से एकलौता जीवित क़िला जहां रहते हैं हजारों लोग
कल्पा के पर्यटन स्थल
शिव का पौराणिक घर कल्पा (Kalpa) में आप सुसाइड पॉइंट को देखने के लिए जा सकते हैं। कमरू का किला भी इसी जगह पर स्थित है। इस जगह पर आने वाले सैलानी कोठी के प्राचीन गांव की यात्रा भी करते हैं। यह गांव अपने मंदिर, फलों के बागों और मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर तरह-तरह के बौद्ध मठ और हिन्दू मंदिर हैं। इस जगह पर स्थित स्थानीय नारायण-नागानी मंदिर शिल्प कौशल का एक आदर्श उदाहरण है।
1- नारायण नागिनी मंदिर
आप जैसे ही कल्पा (Kalpa) पहुंचेंगे आपका दीदार इस जगह के सबसे चर्चित और लोकप्रिय नारायण-नागिनी मंदिर से होगा। इस मंदिर को देखकर आपको हिमाचल के गांवों में बने अन्य मंदिरों की बरबस याद आ जाएगी। आपको लकड़ी की ऐसी कारीगरी वैसे तो किन्नौर के बहुत से गांवों में मिल जाएगी पर किन्नेर-कैलाश पर्वत श्रंखला की पृष्ठभूमि इस नज़ारे को अतुल्य बना देती है।
2- बौद्ध मॉनेस्ट्री
नारायणी मंदिर के दीदार के पश्चात् आपकी नज़र मंदिर से लगी एक छोटी सी बौद्ध मोनेस्ट्री पर पड़ती है। मंदिर के पास में मोनेस्ट्री का होना कल्पा (Kalpa) की सांस्कृतिक मेलजोल और बहुलता को दर्शाता है। इसके उपरान्त जब गांव में जायेंगे तो आपको कल्पा ही नहीं किन्नौर के लगभग सभी गांवों में बौद्ध और हिन्दू सभ्यता का मेलजोल देखने को मिलेगा।
3- बुद्ध की प्रतिमा
आप जब गांव के चौक से ऊपर की तरफ जायेंगे तो आपको एक बुद्ध की प्रतिमा दिखाई देती है। इस जगह पर पहुंचने पर आपको पूरा गांव बहुत ही खूबसूरत दिखाई देगा। इस जगह पर अभी कुछ साल पहले ही एक व्यू पॉइंट भी बनाया गया है। इस जगह से आप गांव का खूबसूरत नज़ारा देखना नहीं भूलें।
4- कल्पा- रोघी ट्रेकिंग
बिना ट्रैकिंग के पहाड़ों की यात्रा अधूरी लगती है। पहाड़ घूमने आये हैं तो एक छोटा-सा ट्रेक करना तो बनता है। इसके लिए अगर आप सुबह का वक़्त चुनेंगे तो मॉर्निंग वॉक के साथ साथ आपकी ट्रेकिंग भी पूरी हो जाएगी। कल्पा (Kalpa) से रोघी गांव का ट्रेक तक़रीबन पांच किमी का है। पूरा रास्ता ऊंची नीची पहाड़ियों से होकर गुजरता है और आपको प्रकृति के बीच ले जाकर छोड़ देता है।
5- सूसाइड प्वाइंट
रोघी जाने के रास्ते में एक पॉइंट ऐसा भी आता है जिसे लोग सुसाइड पॉइंट कहते हैं। सुसाइड पॉइंट क्यों कहा जाता है यह तो मुझे भी नहीं मालूम लेकिन इस पॉइंट से दिखने वाला नज़ारा इतना खूबसूरत होता है कि लम्बे समय के लिए हम उन्हें अपनी आंखों में बसा लेना चाहते हैं। यह जगह इतनी ऊंची है कि नीचे बहती सतलुज नदी एक छोटे से नाले जैसी दिखती है।
यह भी पढ़ें : टॉय ट्रैन: वर्ल्ड हेरिटेज साइट कालका शिमला रेलवे का सफ़र
कल्पा आसपास की जगहें
शिव का पौराणिक घर होने के साथ ही कल्पा हिमाचल प्रदेश की विविधतापूर्ण जगह है। इस जगह पर रहते हुए आप कल्पा के पास स्थित अन्य पर्यटन स्थलों की सैर भी कर सकते हैं। कल्पा के पास के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जो जगहें आती उनके बारे में भी मैं आपको थोड़ी बहुत जानकारी दे देता हूं ताकि आप अपनी यात्रा को पूरी तरह से एन्जॉय कर पाएं।
1- सांगला मेदो
सांगला मेदो अपने हरे-भरे घास के मैदानों के लिए जाना जाता है। अगर आप सांगला घाटी में आते हैं तो आपको घास में कीचड़ के धब्बे और पहाड़ों पर बर्फ की शानदार पृष्ठभूमि दिखाई देती है। यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत ही खूबसूरत है। इस जगह पर आप शांत वातावरण की तलाश में आ सकते हैं। यह जगह सांगला कांडा के रूप में भी काफी प्रसिद्ध है।
2- बेरिंग नाग मंदिर
बेरिंग नाग मंदिर सांगला घाटी का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है और अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है। सांगला घाटी की यात्रा करने वाले पर्यटक इस मंदिर तक भी आते हैं। यह भगवान जगस को समर्पित ये मंदिर पर्यटकों को भी खूब भाता है। अगस्त और सितंबर के दौरान हर साल मनाए जाने वाले प्रसिद्ध फलिच मेले का भी आनंद ले सकते हैं।
3- चितकुल गांव
चितकुल सांगला से लगभग 30 किमी की दूर किन्नौर घाटी में स्थित है। इस गांव को भारत-तिब्बत रोड पर भारतीय सीमाओं के भीतर बसे अंतिम आबाद गांव के रूप में जाना जाता है। चितकुल की सुंदरता और शांत वातावरण इसे एक अच्छे पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित करता है। इस गांव में ऑर्किड, पहाड़, विशाल चट्टानें, नदी, जंगल और घास के मैदान हैं जो सैलानियों को ट्रेकिंग का विकल्प प्रदान करते हैं। इस जगह पर आप प्रकृति के सानिध्व में अच्छा समय बिता सकते हैं।
4- कमरू किला
यह किला अपने यहां आने वाले सैलानियों को अतीत की कलात्मक विरासत दिखता है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। वर्तमान में इस किले के स्वरूप में तब्दीली करके मंदिर का रूप दे दिया गया है। देवी कामाख्या को समर्पित यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। किले में देवी की एक बड़ी मूर्ति तीसरी मंजिल पर रखी गई है। किले के मुख्य द्वार पर भगवान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा लगी हुई है। यदि आपकी धर्म, आस्था और इतिहास में रूचि है तो यह जगह आपको पसंद आएगी।
5- बाटसेरी गांव
यदि आप हिमाचल के हस्तशिल्प को देखना और खरीदना चाहते हैं तो सांगला से लगभग 8 किमी दूर स्थित यह बहुत ही उपयुक्त जगह है। बाटसेरी गांव में आप हस्तशिल्प से सम्बंधित वस्तुएं खरीद सकते हैं। हाथ से बनी शॉल और किन्नौरी टोपी के लिए लोग इस गांव में पहुंचते हैं। इस जगह पर पाइन नट्स बहुतायत में होता है।
6- नदी बसपा
पहाड़ का सबसे प्रमुख आकर्षण नदी होती है। बसपा नदी भी सांगला घाटी का मुख्य आकर्षण है। यह नदी तरह-तरह की गतिविधियों के लिए अनुकूल मानी जाती है। पर्यटक यहां पर फिशिंग, ट्रेकिंग, कैम्पिंग के लिए आते हैं। इस नदी की सुंदरता कभी कभी आकाश में बनने वाले इंद्रधनुष के रूप में भी आपको दिख जाएगी। शहर के भीड़-भाड़ से दूर किसी शांति वाली जगह की तलाश में हैं तो यह आपके लिए उपयुक्त जगह है।
7- रक्छम गांव
यह गांव चितकुल से लगभग 23 किलोमीटर दूर स्थित है। यह छोटा सा गांव सतलज की सहायक नदी बसपा और घाटी दोनों की सुंदरता का प्रतिविम्ब प्रस्तुत करता है। इस जगह पर कई तरह की वनस्पतियां पाई जाती हैं। यह गांव हिमाचल के अन्य सभी गांवों की तरह समृद्ध नहीं है। इस जगह पर आपको न तो डाक सेवा मिलेगी और ना ही इंटरनेट। ऊंचाई पर होने के नाते इस गांव में ठंडी भी खूब होती है। सर्दियों के आगमन के साथ इस गांव के ज्यादातर लोग अपने मवेशियों को लेकर निचले इलाकों में चले जाते हैं और मार्च अप्रैल के दौरान जैसे ही खेती का काम शुरू होता है वापस गांव में लौट आते हैं।
यह भी पढ़ें : हरिद्वार की यात्रा और प्रमुख मंदिरों के दर्शन
कल्पा घूमने का सही समय
शिव का पौराणिक घर कल्पा (Kalpa) अधिक उंचाई पर स्थित होने की वजह से कल्पा में साल भर माध्यम जलवायु का अनुभव होता है। सर्दियां काफी लम्बी होती हैं जो अक्टूबर से मई तक चलती हैं। फिर जून से सितंबर तक गर्मी पड़ती है। मानसून के मौसम में अप्रत्याशित वर्षा होती है। इस लिहाज़ से गर्मियों के मौसम में घूमना सही रहता है।
यह भी पढ़ें : खैट खाल पर्वत : परियों का देश एवं रहस्यमयी शक्तियों का केंद्र
कल्पा कैसे जाये
शिव का पौराणिक घर कल्पा (Kalpa) हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्र में आता है। इसलिए, यहां पहुंचने के साधन बहुत ही सीमित हैं। मेरी राय में कल्पा पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे अच्छा है। सड़क मार्ग से यात्रा करते हम पहाड़ी रास्तों का अनुभव ले सकते हैं। हरे भरे रास्तों से गुजरना काफी रोमांचक होता है। फ्लाइट और ट्रेन जैसी अन्य परिवहन सुविधाएं भी इस जगह पर पहुंचने के लिए उपलब्ध हैं।
1- फ्लाइट के द्वारा
कल्पा (Kalpa) गांव का निकटतम एअरपोर्ट शिमला तकरीबन 276 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे के बाहर से आप कल्पा के लिए कैब और टैक्सी किराए पर ले सकते हैं जो आपको कल्पा में छोड़ देंगे।
2- सड़क मार्ग से
सड़क मार्ग से कल्पा (Kalpa) तक पहुंचने के लिए दिल्ली और आसपास के कई प्रमुख शहरों से बसें चलती हैं। शिमला के बाद से रास्ता बहुत सुन्दर है। टेढ़ी मेढ़ी सड़कें और खूबसूरत रास्ते, आप प्रकृति के बीच से गुजरते हैं। सड़क मार्ग से पहुंचने में थोड़ा वक़्त जरूर लगेगा पर यह यात्रा आपको ख़ुशी और रोमांच से भर देगी।
3- ट्रैन से कैसे पहुंचे
कल्पा गांव का निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला है। यह दिल्ली सहित कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप ट्रैन से शिमला या फिर चंडीगढ़ पहुंचिए और उसके उपरांत टैक्सी या फिर बस लेकर कल्पा (Kalpa) के लिए निकल जाइये।
कल्पा में कहां ठहरे
शिव का पौराणिक घर कल्पा (Kalpa) में ठहरने के लिए जगहों की कोई कमी नहीं है। इस जगह पर ठहरने के लिए आपको तरह-तरह के विकल्प मिल जायेंगे। मुझे जो जगह सबसे अच्छी और किफ़ायती लगी वह है चीनी बंगलो। यह जगह सोलो ट्रेवलर्स के लिए काफी अच्छी और बजट फ्रेंडली है। इसके मालिक तोताराम जी टूरिस्ट गाइड का भी काम करते हैं जो आपको अपने यहां ठहराने के साथ साथ पूरा कल्पा बहुत ही अच्छी तरह घुमा देंगे।
कल्पा में खानपान
शिव का पौराणिक घर कल्पा (Kalpa) छोटी जगह होने के नाते आपको बड़े होटल और रेस्टोरेंट का खाना मिलना असंभव है। लेकिन इस जगह पर कई छोटे-छोटे ढाबे आपको मिल जाएंगे जहां आप अपनी यात्रा के दौरान नाश्ता कर सकते हैं। आप जिस गेस्ट हाउस या होटल में ठहरे है वहां पर भी आपको भोजन मिल जाएगा।
हमसे संपर्क करें : अगर आप कोई सूचना, लेख, ऑडियो-वीडियो या सुझाव हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो इस ईमेल आईडी पर भेजें: indiastrolling@gmail.com