Harsil Uttarakhand: हम सब अपनी छुट्टियों को एक ऐसी जगह पर बिताना चाहते हैं जहां पर प्रकृति की खूबसूरत छटा हो और हम एक शांतप्रिय वातावरण में अपना समय व्यतीत कर सकें। मैं भी अक्सर ऐसा ही चाहता हूं इसीलिए नई-नई जगहों के बारे में जानने की उत्सुकता मुझमें बनी रहती है। आज मैं आप लोगों को एक ऐसी ही जगह हरसिल (Harsil Uttarakhand) के बारे में बताने जा रहा हूं जिसे उत्तराखंड का स्वर्ग कहा जाता है।
यह जगह जितनी शांत है उससे भी कहीं ज्यादा सुन्दर। इस पूरी घाटी को ही इसकी खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस जगह पर आकर पल पल बदलते मौसम की ख़ुमारी को आप कभी नहीं भूल पायेंगे।
हरसिल में मैं सबसे पहले अगस्त 2014 में गया था और तबसे लेकर अब तक कई बार जा चूका हूं। इस जगह पर जाकर कोई भी सैलानी मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सकता है। मैं भी पहली बार यहां के नदी, पहाड़ और झरनों को बरबस देखता रह गया था। यह जगह अपनी खूबसूरती में हर किसी को बांध लेती है और आप एक बार बंध गए तो यहां बिताये पल को कभी नहीं भूल पाएंगे।
अगर आप भी इस जगह पर जाना चाहते हैं तो हरसिल ट्रैवल गाइड के माध्यम से आपको बताना चाहूंगा कि यह स्थान गंगोत्री को जाने वाले मार्ग पर प्रकृति के मनोरम दृश्यों के बीच से होकर गुजरता है और उत्तराखंड में स्थित उत्तरकाशी जिले का एक अहम् हिस्सा है। इस जगह पर पहुंचकर ऐसा अहसास होता है कि हम किसी और दुनिया में आ गए हैं। भागीरथी नदी की वजह से हरसिल की सुंदरता में और भी निखार आ जाता है।
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हरसिल की ख़ास बात
अधिकांश पर्यटन स्थल बहुत ही दुर्गम जगहों पर स्थित होते हैं जिसकी वजह से सैलानियों की पहुंच बहुत मुश्किल रहती है। मैं हरसिल ट्रैवल गाइड के जरिये इस बात को भी जाहिर करना चाहता हूं कि हरसिल की तमाम बातों में मुझे यह बेहद ही ख़ास लगती है कि यह सुन्दर होने के साथ-साथ लोगों की पहुंच में है। इस जगह पर पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले ऋषिकेश पहुंचना होता है, फिर उत्तरकाशी,उसके बाद आपको हरसिल जाने के लिए गाड़ी लेनी होती है। यहां से गंगोत्री की दूरी महज़ तीस किमी रह जाती है।
- हरसिल (Harsil Uttarakhand) से गंगोत्री राष्ट्रिय उद्यान की दूरी भी करीब सत्तर किमी पड़ती है।
- हरसिल ट्रेकर्स की पहली पसंद है, देश भर के लोग इस जगह पर ट्रेकिंग के लिए आते हैं और इसी जगह पर रुकते हैं।
- हिमालय पर्वत के बीच बसे हरसिल में 7 झीले हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।
- यह हिंदी फिल्म अभिनेता राजकपूर की पसंदीदा जगह रही है। फिल्म राम तेरी गंगा मैली की शूटिंग इसी जगह पर हुई थी।
हरसिल की खोज
हरसिल (Harsil Uttarakhand) का इतिहास बहुत ही सुन्दर और रोचक है। ऐसा कहा जाता है कि फेड्रिक विल्सन नामक अंग्रेज ने इस जगह की खोज की थी। विल्सन ईस्ट इंडिया कंपनी में काम करने वाले इंग्लैंड के निवासी थे। भागीरथी नदी के किनारे देवदार के पेड़ों से घिरी ये जगह उनको इतनी पसंद आयी कि उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़कर इस जगह पर रहने का मन बना लिया। बाद में उन्होंने एक पहाड़ी लड़की से शादी कर लिया और यहीं पर बस गए।
फेड्रिक विल्सन ने इंग्लैंड से सेब के पौधे लाकर हरसिल में लगाए और बाहर की दुनिया से भी जोड़ा। तब से हरसिल में सेब का व्यापार होने लगा। विल्सन नाम की सेब की एक प्रजाति आज भी हरसिल में बहुत प्रसिद्ध है। विल्सन ही वह व्यक्ति थे जिन्होंने हरसिल को स्विट्ज़रलैंड की उपाधि दिया। सन 1962 की भारत चीन की लड़ाई के पश्चात इस जगह पर विदेशियों के आगमन पर रोक लगा दिया गया।
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हरसिल के पर्यटन स्थल
हरसिल (Harsil Uttarakhand) एक छोटी सी जगह है पर यहां की खूबसूरती इसे बहुत बड़ा बना देती है। पूरी घाटी प्राकृतिक सौंदर्य से भरी हुई है। भागीरथी नदी का शान्त और अविरल धारा सैलानियों को रोमांच से भर देता है। इस घाटी में नदी, नाले के रूप में में बहुत सारे जलस्त्रोत हैं जो आपका मन मोह लेंगे। छोटे-बड़े तमाम झरने आपके स्वागत के लिए तैयार दिखाई देते हैं। इस घाटी में आपको देवदार के पेड़ों की भरपूर छटा देखने को मिलेगी। इन सघन और घने जंगलों की छांव में अपनी थकान मिटाते बहुत सारे सैलानी दिख जायेंगे। इस जगह पर लक्ष्मी नारायण मंदिर है जिसमे श्री कृष्ण के लेटे हुए रूप की मूर्ति विराजमान है।
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1- भागीरथी की तप स्थली धराली
हरसिल (Harsil Uttarakhand) अपने सेव बाग और लाल सेम और धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार यही वह स्थान है जहां भागीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए तपस्या की थी। उत्तरकाशी जिले में पड़ने वाली जगह धराली में भगवान शंकर का बहुत ही खूबसूरत और प्राचीन मंदिर है जोकि हिन्दुओं की आस्था का केंद्र माना जाता है।
2- सत्तल सात झीलों का समूह
हरसिल (Harsil Uttarakhand) से कुछ ही दूरी पर एक सत्तल नामक जगह जो कि अपने साथ झीलों के समूह की वजह से जाना जाता है। इन झीलों को लोग पन्ना, नलद्यमंती ताल, राम, सीता, लक्ष्मण, भरत सुक्खा ताल और ओक्स के नाम से जानते हैं। है। यह जगह सैलानियों को खूब पसंद आती है। फोटोग्राफी का शौक रखने वाले लोग इस जगह पर फोटो खिंचवाते हैं।
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3- गंगोत्री का घर मुखवास ग्राम
मुखवास ग्राम हरसिल (Harsil Uttarakhand) से कुछ ही दूरी स्थित बहुत ही लोकप्रिय जगह है। इस जगह को गंगोत्री का घर कहा जाता है और लोग इस जगह पर देवी की पूजा अर्चना करने के लिए आते है। हरसिल में पड़ने वाली बर्फ की वजह से यह जगह काफी सुन्दर और आकर्षक दिखाई देती है। सैलानी बर्फ का मज़ा लेने और खेले जाने वाले बर्फ के तमाम खेलों का लुत्फ़ लेते दिख जायेंगे।
4- गर्म पानी का झरना गंगनानी
गंगनानी हरसिल (Harsil Uttarakhand) से काफी दूरी पर स्थित है लेकिन पर्यटक इस जगह जगह पर गर्म पानी के झरने को देखने और स्नान करने के लिए इस जगह पर पहुंचते हैं। इस जगह पर आप भी जाकर गर्म पानी से स्नान कर सकते हैं और आसपास की जगहों का भी भ्रमण कर सकते हैं।
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5- गंगोत्री धाम की यात्रा
गंगोत्री धाम उत्तराखंड स्थित चारो धामों में से गंगोत्री भी एक है। यह जगह काफी प्रसिद्ध होने के साथ-साथ लोगों की आस्था की भी प्रतीक हैं। इस जगह पर गंगा माता का मंदिर है जिसमें गंगा जी के सबसे सुन्दर रूप को दर्शाया गया है। इस जगह से गंगा का बहुत ही अद्वितीय रूप दिखाई देता है। हरसिल (Harsil Uttarakhand) यात्रा के दौरान आप इस जगह पर जाकर माता के दर्शन कर सकते हैं।
6- गंगोत्री राष्ट्रिय उद्यान
यह हरसिल (Harsil Uttarakhand) से तक़रीबन तीस किमी दूर भागीरथी नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में तक़रीबाग 920 वर्ग मील में फैला हुआ है। इस जगह को अल्पाइन के पेड़ों, संकरी घाटियों और हिमनदों की वजह से जाना जाता है। गौमुख हिमनद भी इसी जलग्रहण क्षेत्र में आता है जो हिन्दू आस्था का प्रमुख केंद्र है। गंगोत्री राष्ट्रिय उद्यान पशुओं की पंद्रह और पक्षियों की डेढ़ सौ प्रजातियीं का घर है।
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हरसिल कब जाएं?
हरसिल घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितम्बर से अक्टूबर के बीच का माना जाता है। इस समय पर आप एक पर्यटक के रूप में तमाम तरह के दर्शनीय स्थलों को देख पाएंगे।
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हरसिल कैसे जाएं?
हरसिल जाने के लिए आपको अपनी सुविधानुसार ऋषिकेश पहुंचना होगा। उसके बाद उत्तरकाशी और फिर हरसिल। जिसके लिए आपको सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के परिवहन मिल जायेंगे। अपनी गाड़ी से आना सबसे अच्छा रहेगा।
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हरसिल में कहां ठहरें?
हरसिल और इसके आसपास के पर्यटन स्थलों की यात्रा के बाद का विचार मन में आने के साथ यदि आप यह सोच रहे हैं कि कहां पर ठहरे तो आपको इस ट्रैवेल गाइड के जरिये बता दूं कि हरसिल में ठहरने के लिए वर्तमान में होटल से लेकर होमस्टे तक के तरह-तरह के विकल्प मौजूद हैं। इस जगह पर ठहरने के लिए बहुत ही रियायती दर पर जगह मिल जाएगी। यह छोटी जगह है इसलिए ठहरने की सुविधा के लिहाज़ से हरसिल ट्रेवल गाइड में कुछ जगहों के नाम भी आप बता देता हूं।
- हरसिल कॉटेज
- हरसिल चार धाम केम्प
- सुंदर होम स्टे
- शिव परिवार रिसोर्ट
- हिमालय होटल
दोस्तों, आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको हरसिल ट्रैवेल गाइड कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें।
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