गोकर्ण, कर्नाटक (Gokarna Karnataka) : ऐसा शायद ही कोई हो जो गोवा नहीं गया हो? पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही कई लोग गोवा पहुंच जाते हैं। कई पढ़ाई-लिखाई के बाद पहली नौकरी लगने पर और जो बचे हुए होते हैं वह शादी होने का इन्तजार करते हैं। गोवा से अच्छा हनीमून डेस्टिनेशन भारत में कोई शायद ही है। मैं भी पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही भागकर गोवा पहुंच गया था।
यह जगह इतनी अच्छी लगी कि बार-बार जाते रहे। लेकिन अब इतनी बार जा चुके हैं कि यह जगह पुरानी लगने लगी है। इसलिए सोचा क्यों न इस बार गोकर्ण चला जाये और बैकपैक पीठ पर लाद गोकर्ण (Gokarna) पहुंच गए। आपको भी यदि घूमने के लिए किसी नई जगह कि तलाश है तो गोकर्ण एक अच्छा विकल्प है।
गोकर्ण का परिचय
यह कर्नाटक में स्थित एक छोटा सा शहर है जो अपने समुद्र तटों, प्राचीन मंदिर और लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है। इस जगह पर एक तरफ जहां लोग मौजमस्ती के लिए आते हैं वहीं दूसरी तरफ धर्म-अध्यात्म और दर्शन के लिए और एक बहुत ही खूबसूरत अनुभव लेकर लौटते हैं। इस छोटी सी जगह पर आपको शांत और बृहद समुद्र का किनारा मिलता है। मंदिर मिलते हैं और घूमने और देखने के लिए कई तरह के अन्य दर्शनीय स्थल।
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गोकर्ण का इतिहास
यह एक प्राचीन शहर है, जिससे तमाम तरह की किवदंतियां जुड़ी हुई हैं। ऐसा माना जाता है कि गंगावली और अग्नाशिनी दो नदियों के साथ में स्थित गोकर्ण का इतिहास युगों-युगों पुराना है। कुछ लोग कहते हैं कि गोकर्ण वह स्थान है जहां भगवान शिव एक गाय के कान से निकले थे। कुछ ने इसको गोकर्ण (Gokarna) और ढुंढारी का घर बताया गया है।
इस जगह से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि रावण को भगवान शिव ने इसी जगह पर शक्तिशाली हथियार अतुलिंगा दिया था और कहा था कि इसे जिस जगह पर पहली बार रखा जायेगा यह वहीं पर रह जायेगा।
खैर, यह तो हो गईं पौराणिक बातें। आधुनिक काल की बात करें तो गोकर्ण (Gokarna) सोढे और विजयनगर राज्यों का हिस्सा था। जब गोवा सहित कोंकण क्षेत्र – पर पुर्तगालियों का कब्जा हो गया, तो यह उनके शासन का हिस्सा बन गया था।
गोकर्ण जाने का सही समय
यात्रा पर मौसम का बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है। यदि आप अपनी गोकर्ण यात्रा पर जाने का मन बना रहे हैं तो ट्रिप पर जाने से पहले एक बार गोकर्ण ट्रैवेल गाइड को पढ़ लें और अक्टूबर से मार्च के बीच जाएं। यह गोकर्ण (Gokarna) घूमने के लिए सबसे अच्छा समय होता है। मार्च के बाद जैसे ही गर्मी का मौसम आता है यह जगह गर्म होने लगती है, कई बार तो तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा हो जाता है।
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गोकर्ण कैसे जाएं?
गोकर्ण आप ट्रैन, बस या फिर हवाई जहाज़ किसी भी माध्यम से पहुंच सकते हैं लेकिन इस जगह पर डायरेक्ट जाने के लिए न तो कोई ट्रेन है और न ही कोई एयरपोर्ट।
1- ट्रेन के द्वारा
आप यदि ट्रेन से जाते हैं तो गोकर्ण रोड रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेकिन एक छोटा स्टेशन होने के नाते यह प्रमुख शहरों से जुड़ा नहीं है। इसलिए अकोला रेलवे स्टेशन को गोकर्ण का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन माना जाता है जो शहर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ट्रेन से ट्रैवल करके अकोला रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आप बस या ऑटो की मदद से गोकर्ण (Gokarna) पहुँच सकते हैं।
2- प्लेन के द्वारा
आप यदि प्लेन से जाते हैं तो गोकर्ण का निकटतम इंटरनेशनल एयरपोर्ट गोवा में है, जो गोकर्ण से लगभग 106 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद, गोकर्ण पहुंचने के लिए आपको बस, कैब और टैक्सी जैसे तमाम परिवहन के साधन मिल जायेंगे। गोवा एयरपोर्ट से तक़रीबन 3 घंटे का सफ़र करके गोकर्ण (Gokarna) पहुंच जायेंगे।
3- सड़क मार्ग के द्वारा
गोकर्ण सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है लेकिन दिल्ली से इस जगह पर बस या टैक्सी के द्वारा यात्रा करके पहुंचना चुनौतीपूर्ण है। मेरा सुझाव यह है कि आप ट्रेन या फिर प्लेन से ही जाएं। लोकल में सड़क मार्ग से घूमने का लुत्फ़ लें क्योंकि यहां के रोड्स बहुत अच्छे और खूबसूरत हैं।
गोकर्ण में कहां ठहरें ?
यह राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल है। जिसकी वजह से आपको अपने बजट में ठहरने की जगह मिल जाएगी। निसारगा होमस्टे, नमस्ते योगा फार्म, गोकर्ण सिटी स्टे रूम्स, शांति कृष्ण रेजीडेंसी में आपको रुकने के लिए बेहतरीन विकल्प मिल जायेंगे। यह कुछ गोकर्ण (Gokarna) में ठहरने की बेहतरीन जगहें हैं। आपको इन जगहों पर ठहरना अच्छा लगेगा।
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गोकर्ण के समुद्र तट
गौकर्ण के समुद्री तट बेहद खूबसूरत हैं। इस जगह पर आने वाले सैलानियों का सबसे ज्यादा आकर्षण यहां स्थित बीच पर घूमना और देखना होता है। इस लेख के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण बीच के बारे में बता रहा हूँ जहां आपको जरूर जाना चाहिये।
1- ओम बीच, गोकर्ण
गोकर्ण शहर में स्थित यह बीच ओम के आकर का दिखाई देता है जिसकी वजह से इसका नाम ओम बीच है। सूर्यास्त के समय इस बीच पर बैठना काफी सुकूनदेह होता है। इस जगह पर पर्यटकों की दिलचस्पी के अनुरूप कई तरह की गतिविधियां होती हैं। आप इस जगह पर स्पीडबोट, सर्फिंग नौका विहार का मज़ा ले सकते हैं। ओम बीच की काली चट्टान संरचनायें यात्रियों को काफी आकर्षित करती हैं।
2- हाफ मून बीच, गोकर्ण
हाफ मून बीच से समुद्र का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है। यही कारण है कि यह छोटा समुद्र तट होने के बाबजूद भी काफी प्रसिद्ध है। यह बीच, ओम बीच के नजदीक ही है जिसे एक चट्टान द्वारा अलग किया गया है। इस जगह पर आपको बहुत सारी भारतीय शैली में बनी झोपड़ियां दिखाई देंगी। जहाँ आपको पूरी तरह से पारंपरिक और घरेलू अनुभव मिलेगा।
3- पैराडाइज बीच, गोकर्ण
यह गोकर्ण का सबसे खूबसूरत बीच है, शायद इसकी खूबसूरती की ही वजह से इसका नाम पैराडाइज बीच पड़ा होगा। इस बीच को पैराडाइज बीच के अलावा फुल मून बीच के नाम से भी जाना जाता है। यह हाफ मून बीच के पास स्थित है। इस जगह पर ज्यादातर पर्यटक शांत और सुखद माहौल की तलाश में आते हैं। यह खूबसूरत बीच अपनी चट्टानों और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
4- कुडले बीच, गोकर्ण
कुडले बीच को प्रेमियों का स्वर्ग कहा जाता है। इस जगह पर आप समुद्र के शोर और एकांत का भरपूर मज़ा ले सकते हैं। फुल मून बीच और ओम बीच से कुछ ही दूरी पर स्थित कुडले बीच को अपने शांत वातावरण और सूर्यास्त के अद्भुत नजारों के लिए प्रसिद्ध है। आप अगर परिवार के साथ गोकर्ण (Gokarna) घूमने जाने का प्लान बना रहे है तो इस बीच पर जरूर जाएं। इस बीच पर पर्यटकों की संख्या काफी कम दिखाई देती है।
5- गोकर्ण बीच, गोकर्ण
गोकर्ण बीच, गोकर्ण के प्रमुख समुद्र तटों में शुमार है। इस जगह पर सबसे ज्यादा सैलानी आते हैं इस वजह से इसका नाम भी शहर के ही नाम पर रखा गया है। यह दूर तक का फैलाव लिए एक लंबा खुला समुद्र तट है। इस जगह पर सभी तरह के सैलानी आते हैं। यह जगह दोस्तों के साथ समय बिताने के लिहाज़ से अच्छी है। इस जगह पर आपको पूरे शहर की हलचल दिखाई देगी।
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गोकर्ण के प्रसिद्ध मंदिर
गोकर्ण के समुद्री किनारे तो सभी को आकर्षित करते हैं लेकिन यहां के मंदिरों की काफी ज्यादा महत्ता है। इस जगह पर बहुत सारे पौराणिक मंदिर हैं। कुछ प्रमुख मंदिर जहां आपको जरूर जाना चाहिये।
1- महाबलेश्वर मंदिर, गोकर्ण
भगवान शिव को समर्पित इस प्राचीन मंदिर की महिमा भारतीय जनमानस में बहुत ही गहरी है। इस मंदिर का निर्माण चौथी शताब्दी में हुआ था और इसे दक्षिण का काशी कहा जाता है। सफेद ग्रेनाइट से बना महाबलेश्वर मंदिर द्रविड़ स्थापत्य वास्तुकला की सुंदरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर में छह फ़ीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे धर्मग्रंथों में भी मिलता है।
2- कोटि तीर्थ, गोकर्ण
यह एक मानव निर्मित कुंड है जो स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। कोटि तीर्थ के संबंध में मान्यता है कि यह एक हजार झरनों का उद्गम है। कुंड चारों तरफ से सुंदर मंदिरों से घिरा हुआ है। यह गोकर्ण (Gokarna) के सबसे पवित्र स्थलों में आता है। अनुष्ठान स्नान और मूर्ति विसर्जन के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह तीर्थ लोगों के बीच काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
3- महागणपति मंदिर, गोकर्ण
भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर महाबलेश्वर मंदिर के पास स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यही वह जगह है जहां भगवान गणेश ने रावण के साथ छल किया था ताकि वह अतुलिंगम को उससे दूर न ले जाए। महाबलेश्वर मंदिर की यात्रा पर आने वाले यात्री इस जगह पर भी आते हैं।
4- भद्रकाली मंदिर, गोकर्ण
देवी उमा को समर्पित यह मंदिर गोकर्ण के सबसे प्रसिद्ध मंदिर में से एक है। यह मंदिर गोकर्ण के शुरू में ही स्थित है। जिसकी वजह से गोकर्ण आने वाले यात्री भद्रकाली मंदिर का दर्शन सबसे पहले करते हैं। भद्रकाली मंदिर में देवी उमा के उग्र रूप को दर्शाया गया है। देवी उमा को शहर गोकर्ण (Gokarna) का रक्षक माना जाता है। जिसकी वजह से इस मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों की अगाध श्रद्धा है।
5- महालसा मंदिर, गोकर्ण
महालसा मंदिर को महालसा सिद्धिविनायक मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह गोकर्ण के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में आता है। इस मंदिर का निर्माण डेढ़ सौ साल पहले किया गया था। पर्यटक अपनी गोकर्ण (Gokarna) की यात्रा के दौरान इस जगह पर दर्शन के लिए आते हैं। बता दे यह मंदिर स्थानीय लोगो के बीच काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। गणेश चतुर्थी, अश्विन षष्ठी, श्रावण संकष्टी जैसे त्योहारों के मौके पर काफी भीड़ रहती है।
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कुछ अन्य पर्यटन स्थल
इस जगह पर मंदिरों और समुद्री तटों के अलावा भी काफी कुछ है। मिर्जन का किला, गुफाएं, कैफ़े और जैव विविधताएं। समय निकालकर आप लोगों को इन जगहों पर जाना चाहिये।
1- मिर्जन किला, गोकर्ण
गोकर्ण अपने समुद्र तट और मंदिर के साथ-साथ ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। शहर से लगभग दस किमी दूर स्थित मिर्जन किला इस दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में, नावाथ सल्तनत द्वारा किया गया था और बाद में विजयनगर साम्राज्य द्वारा इसे संभाल लिया गया था। किले का एक बड़ा हिस्सा अब खंडहर में तब्दील हो चुका है पर आसपास का वातावरण बहुत खूबसूरत है।
2- याना गुफाएं, गोकर्ण
सह्याद्री पहाड़ियों की सदाबहार हरियाली के बीच बसा याना एक विशाल हिल स्टेशन है। यह पश्चिमी घाटों में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर स्थित भैरवेश्वर शिखर और मोहिनी चोटी भगवान शिव और देवी पार्वती का प्रतिनिधित्व करती है। इस जगह पर आप ट्रैकिंग और वर्ड वाचिंग जैसी एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकेगें।
3- शिव गुफा, गोकर्ण
शिव गुफा कुडले समुद्र तट के पास स्थित है। इस गुफा के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है। यह काफी पुरानी गुफा है। इससे बहुत सारी किंवदंतियां जुड़ी हुईं हैं। इस गुफा के अन्दर एक शिव लिंग स्थापित है। इसीलिए इस गुफा की मान्यता एक शिव मंदिर के रूप में भी देखी जाती है। यह जगह बहुत ही शांत और सुकूनदेह है।
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गोकर्ण में क्या करें?
सैलानियों के मन में सवाल रहता है कि घूमना तो ठीक है लेकिन हम घूमने के अलावा और क्या कर सकते हैं? इस गोकर्ण ट्रैवेल गाइड में गौकर्ण में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानिए।
1- वाटर स्पोर्ट्स
गोकर्ण अपने समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यह जगह घूमने टहलने के अलावा वाटर स्पोर्ट के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। इस जगह पर आपको वाटर स्पोर्ट्स से जुड़ी बहुत सारी गतिविधियां दिखाई देगी। साहसी और उत्साही यात्रियों को इस तरह की गतिविधियां अपनी तरफ खींचती हैं। आप इस जगह पर पैरासेलिंग, बोट राइड और जेट-स्कीइंग को एन्जॉय जरूर कर सकते हैं।
2- ट्रैकिंग
प्राकृतिक सुन्दरता और जैव विविधता से भरपूर गोकर्ण ट्रैकर्स के लिए परफेक्ट जगह है। इस जगह पर बहुत सारे ट्रैकिंग ट्रेल्स हैं जो इसे ट्रैकिंग के लिहाज से खास और उपयुक्त बनाते हैं। यहां के तट भी ट्रैकर्स को इस बात कि सहूलियत देते हैं कि आप खूबसूरत समुद्र तटों के किनारे लम्बी यात्रा कर सकते हैं या फिर याना गुफाओं के लिए ट्रैकिंग के ऑप्शन को सिलेक्ट कर सकते हैं। हरे-भरे और घने जंगलों के माध्यम से ट्रैकिंग करना यक़ीनन आपकी ट्रिप के सबसे रोमांचक पलों में से एक होगा।
3- शॉपिंग
गोकर्ण अपने स्थानीय बाजारों के लिए भी मशहूर हैं। यह अपने यहां आने वाले सैलानियों को खरीददारी के लिए तरह-तरह के विकल्प देता है। छोटी-छोटी चीजें जो घुमक्कड़ी से संबंधित होती हैं इस जगह पर खूब मिलती हैं। कुछ लोग आपको बीच पर भी ब्रेसलेट आदि बेचते हुए दिखाई दे जायेंगे।
4- नेचर वॉक
गोकर्ण अपनी जैव विविधताओं के कारण नेचर वॉक के लिए भी काफी मशहूर है। इस जगह की खूबसूरती और प्राकृतिक वातावरण सैलानियों को प्रकृति के बीच में घूमने टहलने के लिए प्रेरित करते हैं। सुबह और शाम के वक़्त आपको इस जगह पर बहुत सारे लोग टहलते मिल जायेंगे। गोकर्ण (Gokarna) की सुबह और शाम दोनों ही बहुत अच्छी होती है।
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