Gadisar Lake Jaisalmer: जैसलमेर घूमना एक बहुत ही अलग तरह की फील देता है। कहने को तो ये थार है लेकिन यहां जीवन भरपूर है। कई ऐसी चीजें, कई ऐसे पर्यटन स्थल इस जगह पर आज भी मौजूद हैं जो इस शहर को सैलानियों के लिए खास बना देते हैं। उसी में से एक है गड़ीसर झील (Gadisar Lake)। जैसलमैर के बाहरी इलाके में रेगिस्तान के बीच स्थित यह झील इस शहर का सबसे बड़ा आकर्षण और सबसे सकून की जगह है। यहां पर बैठकर आप घंटों तक प्रकृति के सौंदर्य को आप निहार सकते हैं, बोटिंग कर सकते हैं, उगते और डूबते सूरज के नज़ारे देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: धनौल्टी: प्रकृति का एक छुपा हुआ खजाना
गड़ीसर झील को लेकर मत
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) को लेकर दो तरह के मत हैं। कुछ लोग कहते हैं कि ये प्राकृतिक झील है। कुछ लोग इसे मानव निर्मित बताते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस झील का निर्माण मध्य युग में यहां के लोगों की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए किया गया था। बात उस समय की है जब राजस्थान के सूखे क्षेत्रों में पानी के स्त्रोत नहरें या सिंचाई प्रणाली या अन्य वैज्ञानिक तरीके नहीं थे तब राजा रावल जैसल ने अपनी जनता का ध्यान रखते हुए इस झील का निर्माण करवाया था। रावल जैसल यदुवंशी राजा रावल दुसाज के ज्येष्ठ पुत्र थे। इन्होंने 12 वीं शताब्दी में जैसलमेर शहर की स्थापना की थी।
यह भी पढ़ें: लंढौर: हिमालय की एक अनछुई अनसुनी जगह!
जैसलमेर की सकूनभरी जगह
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) जैसलमेर के किले के काफी करीब स्थित है जिसको देखने के लिए पूरी दुनिया से सैलानी आते हैं। गड़ीसर झील अपने सभी किनारों पर काफी सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है। खासकर जब सूरज उगता है तो यहां से आकाश और जैसलमेर किले का दृश्य बहुत ही आकर्षक दिखाई देता है। अगर आप जैसलमेर यात्रा के समय एक खास शांति वाले स्थान की तलाश में हैं और सकून भरा समय व्यतीत करना चाहते हैं तो गड़ीसर झील की यात्रा करना आपको एक खास अनुभव देता है।
यह भी पढ़ें: हैवलॉक द्वीप: पांच समुद्री किनारे जहां किसी का भी दिल खो जाये
गड़ीसर झील मेरा अनुभव
मुझे गड़ीसर झील (Gadisar Lake) पहुंचकर बहुत ही खूबसूरत और रोमांचकारी अनुभव हुआ। मैंने नाव की सवारी की, चिड़ियों की चहचाहट सुनी और काफी देर तक झील के दूसरे किनारे पर बैठा रहा। कुछ लोगों का कहना था कि झील को क्षेत्र की शुष्कता के लिए बनवाया गया था। भूमि की एक विशिष्ट ढाल के कारण यह झील स्वचालित रूप से बहती है। शुरूआती समय में रेगिस्तान के बीच यह झील एक जलाशय और जल संरक्षण प्रणाली के रूप में काम करती थी और पूरे शहर के लिए पानी का एक अहम् स्त्रोत थी। उस समय में यह झील पानी की कमी को दूर करने में काफी हद तक सफल रही थी। इस कारण से कई लोग यह मानते हैं कि भारतीय थार रेगिस्तान के बीच में एक प्राकृतिक नखलिस्तान था और कई लोग इसको मानव निर्मित बताते हैं।
यह भी पढ़ें: कलाप गांव : दुर्गमता में सुंदरता का पर्याय
मंदिरों का निर्माण
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) को गड़ीसर नाम इसके जीर्णोद्धारकर्ता महारावल गडसी सिंह से मिला है जिन्होंने 1400 ईस्वी में पूरे क्षेत्र को पुनर्जीवित करने का काम किया। उसी समय इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए, गडीसर झील के आसपास कई छोटे मंदिरों का निर्माण किया गया था, इसलिए इसे जैसलमेर में एक तीर्थस्थल के रूप में परिवर्तित किया गया। इन मंदिरों में सबसे लोकप्रिय टिलोन की पोल, एक कृष्ण मंदिर है जिसमें भगवान विष्णु की एक मूर्ति है। अब झील का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया जाता है जिसके लिए इसे बनाया गया था, लेकिन अभी भी बहुत अधिक वर्षा जल बरकरार है। गडीसर झील में दिन के किसी भी समय जाया जा सकता है। सुबह का दृश्य बहुत ही खूबसूरत और मनोरम होता है। आप यदि यहां पर जाते हैं तो कई जीजें कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें: ब्रह्मगिरी की पहाड़ियों में लिपटा कूर्ग का सौन्दर्य
नाव की सवारी
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) में अलग-अलग दरों पर नाव की सवारी कराइ जाती है जो कि बहुत ही अच्छा अनुभव देता है। आप नाव में बैठकर पूरी झील घूम सकते हैं।
मछलियों को खाना खिलाना
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) के स्थानीय लोग झील में भूखे कैटफ़िश को खिलाने के लिए रोटी बेचते हैं। मछलियों को खाना खिलाना और उन्हें तैरते हुए देखना एक मजेदार अनुभव होता है।
यह भी पढ़ें: अस्कोट: हिमालय की एक बेहद शांत और सुरम्य जगह
प्रकृति का मनोहारी दृश्य
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) के आसपास का इलाका पूरी तरह से हरा भरा है। इस जगह पर पेड़ पौधों और हरियाली की कमी नहीं। यह हरियाली आपने मन को भी हरभरा कर देती है।
सर्दी में प्रवासी पक्षियों को देखना
सर्दियों में गडीसर झील (Gadisar Lake) का दौरा करने जाते हैं, तो आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे और विभिन्न प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए इलाज करेंगे जो निकटवर्ती भरतपुर पक्षी अभयारण्य से आते हैं।
यह भी पढ़ें: हैवलॉक द्वीप: अंडमान के दिल की धड़कन
चिड़ियों की चहचाहट सुनना
गड़ीसर झील (Gadisar Lake) पर चिड़ियों की चहचहाट एक अलग तरह की फील देती है। इन्हें बैठकर सुनना किसी मधुर संगीत को सुनने जैसा ही सकून देता है।
स्थानीय व्यंजन का लुत्फ़ लेना
किसी भी शहर में आपका घूमना तब तक नहीं पूरा होता जब तक कि आप उस जगह के खानपान से रूबरू हो। गड़ीसर झील (Gadisar Lake) के आसपास कई स्थानीय भोजनालय हैं जहां से आप राजस्थानी व्यंजन का जायका ले सकते हैं।
यह भी पढ़ें: प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
गड़ीसर संग्रहाल घूमना
एक डेजर्ट कल्चर सेंटर भी है, जो गड़ीसर झील (Gadisar Lake) के पास स्थित एक संग्रहालय है जो 1997 में अपनी स्थापना के बाद से क्षेत्र की संस्कृति, विरासत, इतिहास, पारंपरिक कला और संगीत को संरक्षित करता है। जैसलमेर घूमना और गड़ीसर झील को देखना मेरे लिए एक अद्भुत और रोमांचकारी अनुभव रहा।
दोस्तों, आशा करता हूं कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। मेरी कोशिश हर दिन आपको कुछ नया देने की रहती है। आपको लेख पढ़कर कैसा लगा स्ट्रोलिंग इंडिया और अपने इस घुमंतू दोस्त के साथ जरूर बाटें।
हमसे संपर्क करें : अगर आप कोई सूचना, लेख, ऑडियो-वीडियो या सुझाव हम तक पहुंचाना चाहते हैं तो इस ईमेल आईडी पर भेजें: indiastrolling@gmail.com