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पर्यटन स्थल

कसार देवी मंदिर: धर्म, अध्यात्म और विज्ञान की पहेली

कसार-देवी-मंदिर

हिमालय को लोग मिस्टिक हिमालय कहते हैं। इस जगह पर पहुंचकर मुझे भी कुछ ऐसा ही अहसास होता है। हिमालय के नदी, पहाड़ और प्रकृति जितने अद्भुत हैं उतने ही रहस्यमयी। पूरा का पूरा हिमालय तरह-तरह के रहस्यों से भरा हुआ है। ऐसी ही रहस्यों से भरी एक बहुत ही सुन्दर और शांत जगह, हिमालय की गोद में बसा कसार देवी मंदिर है।

हिप्पी आन्दोलन का केन्द्र

अल्मोड़ा शहर से आठ किमी दूर कश्यप पर्वत पर स्थित कसार देवी मंदिर उन्नीसवीं शताब्दी के सातवें और आठवें दशक के दौरान हिप्पी आंदोलन का केन्द्र रहा है। इसलिए इस जगह को हिप्पी हिल के नाम से भी जाना जाता है। इस जगह पर आज भी देश दुनिया से कई-कई किमी ट्रेक करके पहुंचते हैं। इस जगह के शांत वातावरण के बीच समय व्यतीत करना पसंद करते हैं।

मैं भी इस जगह पर कुछ दिन पहले गया और सुनी-सुनाई बातों से इतर तकरीबन चार घंटे बैठकर बिताया। मैंने महसूस किया कि इस मंदिर के बारे में जो कुछ कहा जाता है उसका संबंध एक अलग तरह की ऊर्जा से है जो आपको बेहद शांत कर देती है। आप इस जगह पर पहुंचकर अनायास ही अच्छा-अच्छा महसूस करने लगते हैं और आपका मन सकून से भर जाता है।

मां दुर्गा का आठवां स्वरूप

सबकुछ इतना अच्छा लगता है कि उठने का दिल नहीं करता और आप देर तक बैठे रह जाते हैं और उस ऊर्जा को पकड़ने की कोशिश करते हैं। सामने मंदिर होता है और आप आस्था से भर जाते हैं। एक सज्जन बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण दूसरी शताब्दी में हुआ था, देवी की महिमा अपरम्पार है, माता जी हर मनोकामना पूरी करती हैं।

आगे वह यह भी बताते हैं कि कसार देवी मंदिर में दुर्गा के आठवें स्वरूप यानि ‘देवी कात्यायनी’ की पूजा होती है। दुर्गा मां ने यहां शुभ निशुंभ नामक दो राक्षस को मारने के लिए कात्यायनी देवी का रूप लिया था। यह मंदिर माता के उसी रूप को समर्पित है।

कसार देवी मंदिर की अद्भुत शक्ति

इस मंदिर में पहुंचकर एक अलग तरह का अहसास होता है। फिर यह अहसास धीरे-धीरे गहरा होता जाता है। अनायास ही महसूस होता है कि यह जगह हमारी अब तक की घूमी हुई अन्य जगहों से अलग है। यह मंदिर भी अब तक के घूमें मंदिरों से अलग है। तभी नज़र बोर्ड पर पड़ती है जिसे पढ़कर पता चलता है कि हम जो कुछ महसूस कर रहे हैं वैसा ही इस जगह पर कभी स्वामी विवेकानंद ने भी किया था और इस जगह को उन्होंने भी अद्भुत बताया था।

स्वामी विवेकानन्द ने किया था ध्यान

इस स्थान के चमत्कारों से प्रभावित होकर 1890 में स्वामी विवेकानंद भी कसार देवी मंदिर पर कुछ महीनों के लिए आए थे। कहा जाता है कि उन्हें अल्मोड़ा से करीब 22 किमी दूर ककड़ीघाट में खास ज्ञान की अनुभूति हुई थी। स्वामी विवेकानंद जी का इस स्थान के बारे में कहना है की अगर धार्मिक भारत के इतिहास से हिमालय को निकाल दिया जाए तो उसका अत्यल्प ही बचा रहेगा यह केंद्र केवल कर्म प्रधान न होगा बल्कि निस्तब्धता ध्यान और शांति की प्रधानता भी होगा।

ठीक इसी प्रकार बौद्ध गुरु लामा अंगरिका गोविंदा ने गुफा में रहकर खास साधना की थी। अमेरिका के बॉब डायलन की भी कसार देवी मंदिर पसंदीदा जगह रही है।

शक्तिशाली चुंबकीय प्रभाव

इस जगह के भूगर्भ में शक्तिशाली चुंबकीय प्रभाव है। भू वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी नासा इस जगह पर शोध कर रही है। नासा के मुताबिक विश्व में सिर्फ तीन ही ऐसी जगहें है जहां पर इस तरह की खास चुंबकीय शक्ति महसूस की जा सकती है। पेरू का माचू पिचू और इंग्लैंड का स्टोनहैंज और भारत का कसार देवी।

मैग्नेटोस्फियर, कसार देवी मंदिर

अंतरिक्ष में एक इलाका ऐसा भी है जहां हानिकारण विकरण होते हैं, लेकिन पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड के कारण बने इस इलाके से ये खतरनाक विकिरण धरती पर नहीं पहुंच पाते हैं। यह फील्ड सूर्य और सुदूर ब्रह्माण्ड के आने वाले कणों के विकिरण को रोकती है। इस खास इलाके को मैग्नेटोस्फियर कहा जाता है। मैग्नेटोस्फियर में इलेक्ट्रॉन त्वरण से बहुत ही ज्यादा ऊर्जा हासिल कर लेते हैं जिसके कारणों का पता अब वैज्ञानिकों पता चला है।

वैन एलन रेडिएशन बेल्ट

कसार देवी मंदिर परिसर के आस-पास वाला पूरा क्षेत्र वैन एलेन बेल्ट है, जहां धरती के भीतर विशाल भू-चुंबकीय पिंड है। वैन एलेन बेल्ट मैग्नेटोस्फियर का होना ही इस तरह के अध्ययन का आधार है। दुनिया भर के तमाम वैज्ञानिक इस दिशा में अभी भी शोध में लगे हुए हैं। इसी दिशा में खोज से स्पेस ट्रेवल में काफी सहूलियत मिलेगी।

कैसे पता चला इन इलाकों के बारे में ?

पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड उच्च ऊर्जा वाले कणों को पकड़ लेती है। जब अंतरिक्ष में पहली बार सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे, उस समय जेम्स वैन एलन की अगुआई में वैज्ञानिकों ने पाया कि अंतरिक्ष में उच्च उर्जा कणों के विकिरण वाले इलाके हैं। इस खोज को वैज्ञानिकों को बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी। बाद में इन इलाकों का नाम ही वैन एलन रेडिएशन बेल्ट रख दिया गया।

नासा की खोज का मुख्य बिन्दु ?

मान्यता है कि कई वर्षों से नासा के वैज्ञानिक भी इस बेल्ट के बनने पर रिसर्च कर रहे हैं नासा की टीम इस चुंबकीय क्षेत्र के बनने के कारणों के साथ-साथ मानव मस्तिष्क और प्राकृतिक पर इसके पड़ने वाले प्रभाव पर अध्ययन कर रहे हैं परंतु अभी तक उनके हाथ सफलता नहीं लगी।

इस अद्भुत जगह को जरूर देखें

मेरी निजीतौर पर अपील है कि दुनिया की इस अनोखी जगह को एक बार आपको जरूर देखना चाहिए। शोध और अध्ययन कभी ख़त्म नहीं होंगे। लेकिन यह जगह आपकी पहुंच में है। इस जगह पर हुए हिप्पी आंदोलन की सक्रियता की वजह से कैफ़े कल्चर भरपूर मिलेगा। आपको ठहरने के लिए तरह तरह के विकल्प मिल जायेंगे। यह जगह सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम और एयरपोर्ट पंतनगर है।

travel writer sanjaya shepherd लेखक परिचय

खानाबदोश जीवन जीने वाला एक घुमक्कड़ और लेखक जो मुश्किल हालातों में काम करने वाले दुनिया के श्रेष्ठ दस ट्रैवल ब्लॉगर में शामिल है। सच कहूं तो लिखने और घूमने के अलावा और कुछ आता ही नहीं। इसलिए, वर्षों से घूमने और लिखने के अलावा कुछ किया ही नहीं। बस घुम रहा हूं।